जयपुर. राजधानी जयपुर में मनोहरपुर टोल के पास पुलिस ने एक वाहन से 2.50 करोड़ रुपए की ज्वेलरी पकड़कर एसजीएसटी को सुपुर्द किया है. जीएसटी चोरी की आशंका में पुलिस ने ज्वेलरी को जब्त किया है. इसके बाद पुलिस ने मनोहरपुर टोल के पास पकड़ी गई ज्वेलरी को एसजीएसटी को सुपुर्द किया है. एसजीएसटी अधिकारी ज्वेलरी का सत्यापन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक गोल्ड ज्वेलरी जयपुर से कैश वैन में दिल्ली जा रही थी. यह ज्वेलरी दिल्ली एयरपोर्ट से अन्य शहरों में भेजी जानी थी. बीवीसी लॉजिस्टिक्स से ज्वेलरी का परिवहन हो रहा था. जयपुर में अब एसजीएसटी अधिकारी दस्तावेजों की भी विस्तृत जांच कर रहे हैं. जब्त की गई ज्वेलरी 7 जौहरियों की बताई जा रही है. हालांकि गोल्ड ज्वेलरी पर 3 प्रतिशत जीएसटी है.
वहीं अजमेर में सीजीएसटी की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. जानकारी के मुताबिक अजमेर में बैटरी डीलर के यहां पर कार्रवाई की गई है. सीजीएसटी जयपुर की टीम कार्रवाई को अंजाम दिया है. सीजीएसटी की टीम फर्म के ठिकानों पर जीएसटी भुगतान से संबंधित दस्तावेज जुटा कर जांच पड़ताल में जुटी हुई है.
इनकम टैक्स ऑफिसर को जारी हुई चार्जशीट
जयपुर में एक इनकम टैक्स ऑफिसर को सेवानिवृत्ति से एक माह पहले चार्जशीट मिलने की खबर सामने आई है. आयकर मुख्यालय में टीडीएस शाखा में नियुक्त एक इनकम टैक्स ऑफिसर को चार्जशीट जारी हुई है. एक पुराने मामले में चार्जशीट दिए जाने की बात सामने आ रही है. यह मामला विजिलेंस शाखा में लंबित था. आयकर विभाग में स्थाई आयकर कर्मियों पर भी छटनी की मार पड़ सकती है. कोरोना की मार झेल रहे अस्थाई कर्मचारियों को इससे बड़ा झटका लग सकता है. इनकम टैक्स में वर्षों से कार्य कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को हटाने की तैयारी की जा रही है.
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इस संबंध में पीसीसीआईटी आयुक्तालय ने राज्य के तीनों मुख्य आयकर आयुक्तों को पत्र भेजा है. ऐसे में स्टाफ की कमी से जूझ रहे आयकर विभाग में नई मुसीबत आने की संभावना है. अतिरिक्त अस्थाई कर्मचारियों के नाम पर छंटनी की जाएगी. दर्जनों अस्थाई कर्मचारी आदेश के निशाने पर आ सकते हैं. कई अस्थाई कर्मचारी दशकों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि आयकर कर्मचारी संगठन की तरफ से लगातार कर्मचारियों को नियमित करने की मांग भी की जा रही है. वित्त विभाग ने वन टाइम नियमितीकरण योजना जारी की थी. कस्टम और जीएसटी विभाग में अनेक पार्ट टाइम कर्मचारी नियमित हो चुके हैं, जबकि आयकर विभाग में फुल टाइम अस्थाई कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही.