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Judgement in Child Labour Case : बच्चों के साथ शारीरिक और मानिसक क्रूरता कर कई घंटे करवाया बाल श्रम, अभियुक्तों को कारावास - Accused of child labour sentenced to fourteen years of prison

जयपुर के पेंटर्स कॉलोनी स्थित एक मकान में अक्टूबर 2018 में 17 बच्चे चूड़ी बनाने का काम करते मिले थे. बच्चों ने उनके साथ शारीरिक और मानसिक क्रूरता की बात कही थी. इस मामले में पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने दो अभियुक्तों को चौदह साल की सजा (Accused of child labour sentenced to fourteen years of prison) और 2 लाख 82 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

Pocso Special court Judgement in Child labour case
बच्चों के साथ शारीरिक और मानिसक क्रूरता कर कई घंटे करवाया बाल श्रम, अभियुक्तों को कारावास
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Published : Apr 18, 2022, 9:18 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने बच्चों से जबरन बाल श्रम कराने वाले अभियुक्त मोहम्मद कुद्दूस और मोहम्मद यूनुस को चौदह साल की सजा सुनाई (Accused of child labour sentenced to fourteen years of prison) है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 2 लाख 82 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने एक आरोपी को बरी कर दिया है. जबकि एक अन्य शमशाद की दो वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने बच्चों के साथ शारीरिक और मानसिक क्रूरता करते हुए दिन में कई घंटे जबरन काम कराया.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि मुखबिर से मिली सूचना पर शास्त्री नगर थाना पुलिस और मानव तस्करी यूनिट ने 16 अक्टूबर, 2018 को पेंटर्स कॉलोनी स्थित एक मकान में दबिश दी थी. जहां दो कमरों में 17 बच्चे चूड़ी बनाने का काम करते मिले. पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के नाम पर बिहार से लाया गया था. यहां अभियुक्त उनसे सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक काम कराते हैं. ना तो उन्हें आराम करने दिया जाता और ना ही भरपेट भोजन मिलता है. इसके अलावा उन्हें बाहर भी नहीं जाने दिया जाता. उनके साथ मारपीट भी की जाती है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने बच्चों से जबरन बाल श्रम कराने वाले अभियुक्त मोहम्मद कुद्दूस और मोहम्मद यूनुस को चौदह साल की सजा सुनाई (Accused of child labour sentenced to fourteen years of prison) है. इसके साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 2 लाख 82 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने एक आरोपी को बरी कर दिया है. जबकि एक अन्य शमशाद की दो वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों ने बच्चों के साथ शारीरिक और मानसिक क्रूरता करते हुए दिन में कई घंटे जबरन काम कराया.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि मुखबिर से मिली सूचना पर शास्त्री नगर थाना पुलिस और मानव तस्करी यूनिट ने 16 अक्टूबर, 2018 को पेंटर्स कॉलोनी स्थित एक मकान में दबिश दी थी. जहां दो कमरों में 17 बच्चे चूड़ी बनाने का काम करते मिले. पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें पढ़ाई के नाम पर बिहार से लाया गया था. यहां अभियुक्त उनसे सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक काम कराते हैं. ना तो उन्हें आराम करने दिया जाता और ना ही भरपेट भोजन मिलता है. इसके अलावा उन्हें बाहर भी नहीं जाने दिया जाता. उनके साथ मारपीट भी की जाती है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया था.

पढ़ें: Action on Child Labor in Jaipur: चूड़ी कारखाने से 12 बाल श्रमिकों को पुलिस ने करवाया मुक्त, बिहार के हैं ये बच्चे

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