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बाड़मेरः जिले में जल्द शुरू होगी प्लाज्मा थैरेपी, सरकार ने जारी की वित्तीय स्वीकृति

बाड़मेर जिला मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में प्लाजमा थैरेपी शुरू करने के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है. मेडिकल कॉलेज के राजकीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मंसूरिया ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को प्लाजमा थैरेपी के लिए जोधपुर भेजना पड़ता था. लेकिन अब सरकार की ओर से 119.40 लाख रूपये की राशि हस्तांतरण की गई है.

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जल्द शुरू होगी प्लाज्मा थेरेपी
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Published : Nov 22, 2020, 8:10 PM IST

बाड़मेर. जिले में कोविड-19 का कहर लगातार जारी है. पिछले 24 घंटों में एक साथ 53 मरीज आने से मेडिकल विभाग में हड़कंप मच गया है. लेकिन इसी बीच राहत की खबर है कि सरकार की ओर से बाड़मेर जिला मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में प्लाजमा थैरेपी शुरू करने के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है.

जल्द शुरू होगी प्लाज्मा थेरेपी

मेडिकल कॉलेज के राजकीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मंसूरिया ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को प्लाजमा थैरेपी के लिए हमें जोधपुर भेजना पड़ता था. लेकिन अब सरकार की ओर से 119.40 लाख रूपये की राशि हस्तांतरण की गई है. इस हस्तांतरित राशि में 89.55 लाख रूपये केंद्रीय सहयता और 29.85 लाख रूपये राज्य निधि के शामिल है. जिसके बाद हमने इस राशि से प्लाज्मा थैरेपी के लिए उपकरण मंगाने का प्रोसेस शुरू कर दिया है.

पढ़ेंः भीलवाड़ा : पंचायती राज चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के लिए रवाना हुए मतदानकर्मी

प्लाजमा थैरेपी की बाड़मेर जिले में बेहद सख्त आवश्यकता थी. क्योंकि गंभीर मरीजों को इलाज के लिए जोधपुर भटकना पड़ता था. वहां पर भी मरीजों को बड़ी समस्या होती थी, लेकिन अब सरकार की ओर से यह राहत दी गई है. बीएल मंसुरिया ने बताया कि स्वीकृत राशि से आवशयक उपकरणों की उपलब्धता के बाद बाड़मेर में गंभीर कोरोना रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी से इलाज का लाभ जल्द मिल सकेगा.

गौरतलब है कि प्लाज्मा थैरेपी कोविड-19 के मरीजों को दी जाती है. जिसमें जो कोरोना का मरीज सही हुआ है, वह अपनी प्लाज्मा डोनेट करता है और उसे दूसरे मरीजों की जान बताई जाती है. आमतौर पर यह देखा जाता है कि मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार भी प्लाजमा थैरेपी मरीज को 5 से 10 दिन के बीच में दी जाती है. उसका नाम जरूर होता है. लेकिन अगर 10 दिन बाद दी जाती है तो उसका इतना असर नहीं हो पाता. लिहाजा अगर प्लाजमा थैरेपी की सुविधा बाड़मेर जिले में होगी तो इस महामारी से लड़ने के लिए बड़ी सौगात बाड़मेर जिले के लिए होगी.

बाड़मेर. जिले में कोविड-19 का कहर लगातार जारी है. पिछले 24 घंटों में एक साथ 53 मरीज आने से मेडिकल विभाग में हड़कंप मच गया है. लेकिन इसी बीच राहत की खबर है कि सरकार की ओर से बाड़मेर जिला मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में प्लाजमा थैरेपी शुरू करने के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है.

जल्द शुरू होगी प्लाज्मा थेरेपी

मेडिकल कॉलेज के राजकीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मंसूरिया ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को प्लाजमा थैरेपी के लिए हमें जोधपुर भेजना पड़ता था. लेकिन अब सरकार की ओर से 119.40 लाख रूपये की राशि हस्तांतरण की गई है. इस हस्तांतरित राशि में 89.55 लाख रूपये केंद्रीय सहयता और 29.85 लाख रूपये राज्य निधि के शामिल है. जिसके बाद हमने इस राशि से प्लाज्मा थैरेपी के लिए उपकरण मंगाने का प्रोसेस शुरू कर दिया है.

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प्लाजमा थैरेपी की बाड़मेर जिले में बेहद सख्त आवश्यकता थी. क्योंकि गंभीर मरीजों को इलाज के लिए जोधपुर भटकना पड़ता था. वहां पर भी मरीजों को बड़ी समस्या होती थी, लेकिन अब सरकार की ओर से यह राहत दी गई है. बीएल मंसुरिया ने बताया कि स्वीकृत राशि से आवशयक उपकरणों की उपलब्धता के बाद बाड़मेर में गंभीर कोरोना रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी से इलाज का लाभ जल्द मिल सकेगा.

गौरतलब है कि प्लाज्मा थैरेपी कोविड-19 के मरीजों को दी जाती है. जिसमें जो कोरोना का मरीज सही हुआ है, वह अपनी प्लाज्मा डोनेट करता है और उसे दूसरे मरीजों की जान बताई जाती है. आमतौर पर यह देखा जाता है कि मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार भी प्लाजमा थैरेपी मरीज को 5 से 10 दिन के बीच में दी जाती है. उसका नाम जरूर होता है. लेकिन अगर 10 दिन बाद दी जाती है तो उसका इतना असर नहीं हो पाता. लिहाजा अगर प्लाजमा थैरेपी की सुविधा बाड़मेर जिले में होगी तो इस महामारी से लड़ने के लिए बड़ी सौगात बाड़मेर जिले के लिए होगी.

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