जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर राष्ट्र्पिता महात्मा गांधी के अपमान को चुनौती देने वाली पीआईएल में दखल से इंकार कर उसे खारिज कर दिया. हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ता को मौखिक रूप से कहा कि वह चाहे तो ऐसा करने वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा सकता है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति व न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश विवेक कुशवाहा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
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जनहित याचिका में कहा गया कि सोशल मीडिया फेसबुक सहित अन्य पर कुछ असामाजिक लोगों द्वारा महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट डाली जा रही हैं. इससे गांधीजी की छवि को धूमिल किया जा रहा है. जबकि गांधी जी राष्ट्रपिता हैं. किसी को भी उनकी इस उपाधि को छीनने का अधिकार नहीं है. गांधीजी का अपमान किसी भी संस्था के अपमान से बड़ा है, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. संविधान में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित किया है. इसलिए सोशल मीडिया पर गांधीजी का अपमान करने वाली पोस्ट रोक कर ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.