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जिस फोन टैपिंग से सूबे की सियासत में भूचाल आया था, उसी ने रोकी राजीव स्वरूप की एक्सटेंशन फाइल

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Published : Nov 1, 2020, 10:26 AM IST

Updated : Nov 1, 2020, 10:45 AM IST

प्रदेश के नए ब्यूरोक्रेसी के मुखिया को लेकर पिछले एक सप्ताह से अटकलों का बाजार गरम था. शनिवार शाम 6 बजे तक मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी का इंतजार होता रहा, लेकिन केंद्र सरकार ने राजीव स्वरूप के एक्सटेंशन को मंजूरी नहीं दी. ऐसे में निरंजन आर्य को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया गया. लेकिन जानकारों का कहना है कि राजीव स्वरूप का एक्सटेंशन रूकने का बड़ा कारण फोन टैपिंग है. जिसकी वजह से पिछले दिनों राजस्थान की सियासत में जो भूचाल आया था.

Chief Secretary of rajasthan,  Niranjan Arya appointed Chief Secretary
फोन टैपिंग ने रोकी राजीव स्वरूप की एक्सटेंशन फाइल

जयपुर: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में चल रही अटकलों के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने सबसे करीबी IAS अफसर को नया मुख्यसचिव बना दिया है. शनिवार शाम 6 बजे तक मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी का इंतजार होता रहा, लेकिन केंद्र सरकार ने राजीव स्वरूप के एक्सटेंशन को रोक दिया. जिसके बाद बीती रात ही गहलोत सरकार ने निरंजन आर्य को नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया. सूत्रों की मानें तो राजीव स्वरूप का एक्सटेंशन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नहीं बढ़ने दिया है. इसकी मुख्य वजह है राजीव स्वरूप द्वारा गृह सचिव रहते हुए फोन टेपिंग करवाना.

जुलाई 2020 को आधी रात को ठीक उसी तरह से एक तबादला सूची जारी हुई थी, जिस तरीके से शनिवार रात को जारी हुई थी. तबादला सूची में मौजूदा मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को अचानक तत्काल प्रभाव से मुख्य सचिव के पद से हटाते हुए गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे राजीव स्वरूप को मुख्य सचिव बना दिया गया था. इसके पीछे की वजह क्या थी यह अब तक कोई समझ नहीं पाया.

विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है मामला

जब राजीव स्वरूप को मुख्यसचिव बना दिया गया, तब भी माना जा रहा था कि पिछले दिनों राजस्थान की सियासत में जिस फोन टैपिंग की वजह से सियासी भूचाल आया था, वह मामला राजीव स्वरूप के गृह सचिव रहते हुए हुआ था. इस फोन टैपिंग में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई भाजपा नेताओं पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगे थे. शेखावत से पूछताछ के लिए राजस्थान एसीबी की टीम ने उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर भी भेजा गया था. यही नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर फोन टैपिंग की रिपोर्ट तलब की थी.

शेखावत की नाराजगी बड़ी वजह

बताया जा रहा है कि पूरे घटनाक्रम से शेखावत काफी नाराज थे और इसी शिकायत उन्होंने दिल्ली में भी की थी. ऐसे में जब मुख्य सचिव स्वरूप की एक्सटेंशन की फाइल दिल्ली पहुंची तो उसे मंजूरी नहीं दी गई. जानकारों की मानें तो गजेंद्र शेखावत ने फोन टैपिंग की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की थी. यही वजह है कि राजीव स्वरूप के कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया गया.

यूं चला पूरा घटना क्रम

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल को 3 महीने बढ़ाने की जो अटकलें लगाई जा रही थी. उस पर शनिवार को विराम लग गया. केंद्र सरकार ने राजीव स्वरूप के एक्सटेंशन फाइल को डेढ़ महीने बाद भी मंजूरी नहीं दी. बताया जा रहा है इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी 2 बार केंद्र में रिमाइंडर कॉल किया था, लेकिन उसके बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से ना तो एक्सटेंशन की फाइल को रिजेक्ट किया गया और ना ही उस पर मंजूरी दी.

पढे़ं: 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज कर निरंजन आर्य को बनाया गया मुख्य सचिव

केंद्रीय कार्मिक विभाग की ओर से फाइल को इधर-उधर भी किया गया. एग्जामिन चलती रही और इस बीच राजीव स्वरूप के रिटायरमेंट की तारीख नजदीक आ गई. डेढ़ माह तक फाइल केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय में मंजूरी के लिए रुकी रही. वहीं शनिवार राजीव स्वरूप के कार्यकाल का आखरी दिन आ गया. हालांकि आखरी दिन भी यही चलता रहा कि केंद्र सरकार को मंजूर करने वाली है. इस वजह से राजीव स्वरूप का विदाई कार्यक्रम भी नहीं हुआ.

हालांकि शनिवार को अवकाश होने की वजह से सचिवालय बंद रहा, लेकिन जब केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया तो 6 बजे के बाद राज्य के कार्मिक विभाग ने राजीव स्वरूप को रिटायर्ड मानते हुए उनका नाम रिटायर्ड अफसरों की सूची में डाल दिया.

जयपुर: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में चल रही अटकलों के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने सबसे करीबी IAS अफसर को नया मुख्यसचिव बना दिया है. शनिवार शाम 6 बजे तक मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी का इंतजार होता रहा, लेकिन केंद्र सरकार ने राजीव स्वरूप के एक्सटेंशन को रोक दिया. जिसके बाद बीती रात ही गहलोत सरकार ने निरंजन आर्य को नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया. सूत्रों की मानें तो राजीव स्वरूप का एक्सटेंशन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नहीं बढ़ने दिया है. इसकी मुख्य वजह है राजीव स्वरूप द्वारा गृह सचिव रहते हुए फोन टेपिंग करवाना.

जुलाई 2020 को आधी रात को ठीक उसी तरह से एक तबादला सूची जारी हुई थी, जिस तरीके से शनिवार रात को जारी हुई थी. तबादला सूची में मौजूदा मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को अचानक तत्काल प्रभाव से मुख्य सचिव के पद से हटाते हुए गृह विभाग का जिम्मा संभाल रहे राजीव स्वरूप को मुख्य सचिव बना दिया गया था. इसके पीछे की वजह क्या थी यह अब तक कोई समझ नहीं पाया.

विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है मामला

जब राजीव स्वरूप को मुख्यसचिव बना दिया गया, तब भी माना जा रहा था कि पिछले दिनों राजस्थान की सियासत में जिस फोन टैपिंग की वजह से सियासी भूचाल आया था, वह मामला राजीव स्वरूप के गृह सचिव रहते हुए हुआ था. इस फोन टैपिंग में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई भाजपा नेताओं पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगे थे. शेखावत से पूछताछ के लिए राजस्थान एसीबी की टीम ने उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर भी भेजा गया था. यही नहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर फोन टैपिंग की रिपोर्ट तलब की थी.

शेखावत की नाराजगी बड़ी वजह

बताया जा रहा है कि पूरे घटनाक्रम से शेखावत काफी नाराज थे और इसी शिकायत उन्होंने दिल्ली में भी की थी. ऐसे में जब मुख्य सचिव स्वरूप की एक्सटेंशन की फाइल दिल्ली पहुंची तो उसे मंजूरी नहीं दी गई. जानकारों की मानें तो गजेंद्र शेखावत ने फोन टैपिंग की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की थी. यही वजह है कि राजीव स्वरूप के कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया गया.

यूं चला पूरा घटना क्रम

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप के कार्यकाल को 3 महीने बढ़ाने की जो अटकलें लगाई जा रही थी. उस पर शनिवार को विराम लग गया. केंद्र सरकार ने राजीव स्वरूप के एक्सटेंशन फाइल को डेढ़ महीने बाद भी मंजूरी नहीं दी. बताया जा रहा है इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी 2 बार केंद्र में रिमाइंडर कॉल किया था, लेकिन उसके बाद भी प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की ओर से ना तो एक्सटेंशन की फाइल को रिजेक्ट किया गया और ना ही उस पर मंजूरी दी.

पढे़ं: 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज कर निरंजन आर्य को बनाया गया मुख्य सचिव

केंद्रीय कार्मिक विभाग की ओर से फाइल को इधर-उधर भी किया गया. एग्जामिन चलती रही और इस बीच राजीव स्वरूप के रिटायरमेंट की तारीख नजदीक आ गई. डेढ़ माह तक फाइल केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय में मंजूरी के लिए रुकी रही. वहीं शनिवार राजीव स्वरूप के कार्यकाल का आखरी दिन आ गया. हालांकि आखरी दिन भी यही चलता रहा कि केंद्र सरकार को मंजूर करने वाली है. इस वजह से राजीव स्वरूप का विदाई कार्यक्रम भी नहीं हुआ.

हालांकि शनिवार को अवकाश होने की वजह से सचिवालय बंद रहा, लेकिन जब केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया तो 6 बजे के बाद राज्य के कार्मिक विभाग ने राजीव स्वरूप को रिटायर्ड मानते हुए उनका नाम रिटायर्ड अफसरों की सूची में डाल दिया.

Last Updated : Nov 1, 2020, 10:45 AM IST
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