जयपुर. जयपुर जिला प्रशासन के निर्देश पर जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग ने निजी आरओ प्लांट से पानी के नमूने लेने की शुरुआत कर दी है और इन पानी के नमूनों की जांच करवाई जा रही है ताकि लोगों को पीने के लिए गुणवत्तापूर्ण पानी मिल सके. पीएचईडी की ओर से सोमवार को समीक्षा बैठक में इसकी रिपोर्ट भी जिला कलेक्टर को पेश की गई. जयपुर उत्तर के मुकाबले जयपुर दक्षिण में पीएचईडी विभाग ने धीमी गति से काम किया. पीएचईडी विभाग ने जयपुर उत्तर में जहां 28 आरओ प्लांट से पानी के नमूने लिए. वहीं, जयपुर दक्षिण में पांच ही आरओ प्लांट से पानी के नमूने लिए गए हैं.
कुछ दिनों पहले ईटीवी भारत पर आरओ प्लांट की गुणवत्ता को लेकर खबर प्रकाशित की गई थी. इस खबर के बाद जिला प्रशासन ने पीएचईडी विभाग को निजी आरओ प्लांट के पानी की जांच करने के निर्देश दिए गए थे. पीएचईडी की ओर से आरओ प्लांट की पानी की जांच भी की गई अब तक जयपुर शहर के उत्तर क्षेत्र में 28 आरओ प्लांट के नमूनों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं और इन्हें लैब में भेजे गए है.
जयपुर उत्तर के अधीक्षण अभियंता अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि 28 में से 5 नमूनो की जांच की रिपोर्ट आ चुकी है जिसमें पानी को लेकर कोई दिक्कत सामने नहीं आई है. इसी तरह से जयपुर दक्षिण में अब तक मात्र आरओ प्लांट से 5 पानी के सैंपल लिए गए हैं.
पिछले समीक्षा बैठक में अतिरक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार ने आरओ प्लांट से सप्लाई होने वाले पानी की गुणवत्ता को गंभीरता से लिया और इस संबंध में पीएचईडी विभाग को नमूने लेकर जांच करने के निर्देश भी दिए, हालांकि इससे पहले पीएचईडी विभाग इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहा था और उसने साफ किया था कि निजी आरओ प्लांट से होने वाले सप्लाई पर पीएचईडी विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है.
पीएचईडी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी आरओ प्लांट पर से नमूने लेने की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी. अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि यदि किसी आरओ प्लांट में पानी के सैंपल फेल होते हैं तो मेडिकल डिपार्टमेंट ही इसके खिलाफ कार्यवाही करेगा. उन्होंने कहा कि हालांकि बीसलपुर से सप्लाई होने वाले पानी की समय-समय पर जांच की जाती है, लेकिन जिला प्रशासन का आरओ प्लांट को लेकर आदेश है इसलिए आरओ प्लांट के पानी की जांच आगे भी जारी रहेगी.
बता दें कि जयपुर शहर में सैकड़ों आरओ प्लांट से लोगों को पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन यह पानी कितना गुणवत्तापूर्ण है इसके लिए इन आरओ प्लांट पर कोई नियंत्रण पीएचईडी विभाग की ओर से नहीं था. डॉक्टरों का भी कहना है कि यदि जनता तक गुणवत्तापूर्ण पानी नहीं पहुंचेगा तो व्यक्ति कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है.