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शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग से हाईकोर्ट संतुष्ट, याचिकाएं खारिज

कोरोना महामारी समाप्त होने तक शराब की दुकानें बंद करने को लेकर दायर की गई याचिकाओं को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ती और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने निखिलेश कटारा व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि दुकानों पर भीड़ एकत्रित होने और सोशल डिस्टेंसिंग की कोई शिकायत नहीं आई है. ऐसे में शराब की दुकानों को बंद करने को लेकर अब कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं है.

Liquor Restriction Petition, Rajasthan High Court News
शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग से हाईकोर्ट संतुष्ट
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Published : May 12, 2020, 7:05 PM IST

Updated : May 12, 2020, 7:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने माना है कि शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं. इसके अलावा इन दुकानों पर भीड़ एकत्रित होने की कोई शिकायत भी नहीं आई है. ऐसे में शराब की दुकानों को बंद करने को लेकर अब कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ती और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश निखिलेश कटारा व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि समान मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर चुका है.

याचिकाओं में कहा गया कि केंद्र सरकार ने एकल दुकानों और आबादी क्षेत्र में दुकानें खोलने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद राज्य सरकार ने रेड जोन एरिया सहित अन्य बाजारों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी. इन दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते महामारी के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है. ऐसे में महामारी समाप्त होने तक शराब की दुकानों को बंद रखा जाए.

पढ़ें- अजमेर से बिहार के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन जाने की संभावना, सूची हो चुकी है तैयार

वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि समान बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर चुका है. राज्य सरकार की ओर से कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों और हॉट स्पॉट की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए दुकानों पर आबकारी सुरक्षा गार्ड सहित अन्य गार्ड तैनात किए गए हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिकाओं खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने माना है कि शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं. इसके अलावा इन दुकानों पर भीड़ एकत्रित होने की कोई शिकायत भी नहीं आई है. ऐसे में शराब की दुकानों को बंद करने को लेकर अब कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ती और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश निखिलेश कटारा व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि समान मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर चुका है.

याचिकाओं में कहा गया कि केंद्र सरकार ने एकल दुकानों और आबादी क्षेत्र में दुकानें खोलने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद राज्य सरकार ने रेड जोन एरिया सहित अन्य बाजारों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी. इन दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते महामारी के संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है. ऐसे में महामारी समाप्त होने तक शराब की दुकानों को बंद रखा जाए.

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वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि समान बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज कर चुका है. राज्य सरकार की ओर से कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों और हॉट स्पॉट की दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए दुकानों पर आबकारी सुरक्षा गार्ड सहित अन्य गार्ड तैनात किए गए हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिकाओं खारिज कर दिया है.

Last Updated : May 12, 2020, 7:10 PM IST
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