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लैब टेक्निशियन भर्ती में पात्र होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

साल 2018 में निकली लैब टेक्निशियन भर्ती को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के लिए एक पद रिक्त रखने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव सहित अन्य से जवाब भी मांगा है. याचिका में कहा गया कि उसके पात्र होने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं दी गई.

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Published : Aug 13, 2022, 8:02 PM IST

PIL in Lab technician recruitment 2018, High court orders to keep a post vacant for petitioner
लैब टेक्निशियन भर्ती में पात्र होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब, पद रिक्त रखने के भी आदेश

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब टेक्निशियन भर्ती-2018 में पात्र होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा (Lab technician recruitment 2018) है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश अशोक कुमार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि विभाग ने 29 मई, 2018 को लैब टेक्निशियन के पदों पर भर्ती निकाली थी, जिसमें प्रावधान किया गया कि उम्मीदवार के पास 10वीं कक्षा के साथ ही डीएमएलटी का डिप्लोमा होना चाहिए और वह पैरा मेडिकल कौंसिल से पंजीकृत भी हो. वहीं यदि किसी अभ्यर्थी के पास सरकारी अस्पताल में तीन साल काम करने का अनुभव है, तो उसे डिप्लोमा की छूट रहेगी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक हैं. उसके पास चार साल का अनुभव है. ऐसे में उसे डिप्लोमा की छूट मिलनी चाहिए. इसके बावजूद भी गत 28 जून को विभाग ने डिप्लोमाधारी होने की शर्त जोड़ दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब टेक्निशियन भर्ती-2018 में पात्र होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा (Lab technician recruitment 2018) है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश अशोक कुमार की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि विभाग ने 29 मई, 2018 को लैब टेक्निशियन के पदों पर भर्ती निकाली थी, जिसमें प्रावधान किया गया कि उम्मीदवार के पास 10वीं कक्षा के साथ ही डीएमएलटी का डिप्लोमा होना चाहिए और वह पैरा मेडिकल कौंसिल से पंजीकृत भी हो. वहीं यदि किसी अभ्यर्थी के पास सरकारी अस्पताल में तीन साल काम करने का अनुभव है, तो उसे डिप्लोमा की छूट रहेगी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक हैं. उसके पास चार साल का अनुभव है. ऐसे में उसे डिप्लोमा की छूट मिलनी चाहिए. इसके बावजूद भी गत 28 जून को विभाग ने डिप्लोमाधारी होने की शर्त जोड़ दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

पढ़ें: Rajasthan HC Orders: लैब सहायक भर्ती में याचिकाकर्ता को मेरिट सूची में शामिल करने के आदेश

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