जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब टेक्निशियन भर्ती-2018 में पात्र होने के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा (Lab technician recruitment 2018) है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश अशोक कुमार की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि विभाग ने 29 मई, 2018 को लैब टेक्निशियन के पदों पर भर्ती निकाली थी, जिसमें प्रावधान किया गया कि उम्मीदवार के पास 10वीं कक्षा के साथ ही डीएमएलटी का डिप्लोमा होना चाहिए और वह पैरा मेडिकल कौंसिल से पंजीकृत भी हो. वहीं यदि किसी अभ्यर्थी के पास सरकारी अस्पताल में तीन साल काम करने का अनुभव है, तो उसे डिप्लोमा की छूट रहेगी. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक हैं. उसके पास चार साल का अनुभव है. ऐसे में उसे डिप्लोमा की छूट मिलनी चाहिए. इसके बावजूद भी गत 28 जून को विभाग ने डिप्लोमाधारी होने की शर्त जोड़ दी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.
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