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नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ चुनाव याचिका पेश...15 दिसंबर को सुनवाई

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Published : Dec 8, 2020, 9:40 PM IST

जिला न्यायालय महानगर-प्रथम में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर को स्थानीय मतदाता नहीं होने का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका पेश की गई है. इस पर अदालत 15 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

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जिला अदालत में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ याचिका

जयपुर. जिला न्यायालय महानगर-प्रथम में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर को स्थानीय मतदाता नहीं होने का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका पेश की गई है. इस पर अदालत 15 दिसंबर को सुनवाई करेगी. वार्ड नंबर 93 से पार्षद और कांग्रेस की महापौर उम्मीदवार दिव्या सिंह की ओर से यह चुनाव याचिका पेश की गई है. याचिका में अधिवक्ता एके जैन ने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत पार्षद पद के उम्मीदवार को संबंधित निगम का मतदाता होना जरूरी है.

जिला अदालत में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ याचिका

सौम्या गुर्जर वर्ष 2011 में जयपुर की मतदाता बनी थी. वहीं बाद में वह करौली के देवरी की मतदाता बन गई और वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक करौली जिला परिषद की सदस्य भी रही. करौली की मतदाता बनने के चलते उनका जयपुर से मतदाता का अधिकार अपने आप ही समाप्त हो गया, क्योंकि नियमानुसार एक व्यक्ति एक ही स्थान पर मतदाता हो सकता है. याचिका में यह भी कहा गया कि सौम्या गुर्जर के आवेदन पर करौली की मतदाता सूची से गत 3 नवंबर को उनका नाम हटा दिया गया, लेकिन उन्होंने जयपुर में अपना नाम फिर से नहीं जुड़वाने के लिए आवेदन नहीं किया.

यह भी पढ़ें- कॉलेज प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, कहा- छात्रा को दें 10 लाख रुपये मुआवजा

ऐसे में सौम्या गुर्जर मतदान के समय ग्रेटर निगम की मतदाता नहीं थी. इसलिए वह मेयर निर्वाचित होने की योग्यता भी नहीं रखती थी. इसके अलावा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की सहायता से पार्षदों पर अपने पक्ष में दबाव बनाया. वहीं उनके खिलाफ गंगापुर सिटी थाने में एक आपराधिक मामला भी दर्ज है, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन में नहीं किया है. याचिका में गुहार की गई है कि उनके मेयर पद के निर्वाचन को रद्द किया जाए.

जयपुर. जिला न्यायालय महानगर-प्रथम में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर को स्थानीय मतदाता नहीं होने का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका पेश की गई है. इस पर अदालत 15 दिसंबर को सुनवाई करेगी. वार्ड नंबर 93 से पार्षद और कांग्रेस की महापौर उम्मीदवार दिव्या सिंह की ओर से यह चुनाव याचिका पेश की गई है. याचिका में अधिवक्ता एके जैन ने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत पार्षद पद के उम्मीदवार को संबंधित निगम का मतदाता होना जरूरी है.

जिला अदालत में नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ याचिका

सौम्या गुर्जर वर्ष 2011 में जयपुर की मतदाता बनी थी. वहीं बाद में वह करौली के देवरी की मतदाता बन गई और वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक करौली जिला परिषद की सदस्य भी रही. करौली की मतदाता बनने के चलते उनका जयपुर से मतदाता का अधिकार अपने आप ही समाप्त हो गया, क्योंकि नियमानुसार एक व्यक्ति एक ही स्थान पर मतदाता हो सकता है. याचिका में यह भी कहा गया कि सौम्या गुर्जर के आवेदन पर करौली की मतदाता सूची से गत 3 नवंबर को उनका नाम हटा दिया गया, लेकिन उन्होंने जयपुर में अपना नाम फिर से नहीं जुड़वाने के लिए आवेदन नहीं किया.

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ऐसे में सौम्या गुर्जर मतदान के समय ग्रेटर निगम की मतदाता नहीं थी. इसलिए वह मेयर निर्वाचित होने की योग्यता भी नहीं रखती थी. इसके अलावा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की सहायता से पार्षदों पर अपने पक्ष में दबाव बनाया. वहीं उनके खिलाफ गंगापुर सिटी थाने में एक आपराधिक मामला भी दर्ज है, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन में नहीं किया है. याचिका में गुहार की गई है कि उनके मेयर पद के निर्वाचन को रद्द किया जाए.

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