जयपुर. सचिन पायलट की याचिका पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. विधानसभा स्पीकर के वकील प्रतीक कासलीवाल ने बताया कि मुख्य रूप से सोमवार को मुकुल रोहतगी ने याचिका पर बहस की. जिसके बाद पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की याचिका पर सुनवाई जारी है.
सुनवाई से पहले प्रतीक कासलीवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से मुकुल रोहतगी याचिका पर बहस की, क्योंकि हरीश साल्वे ने अपनी बहस रविवार को पूरी कर ली थी. वहीं, रोहतगी की बहस के बाद याचिकाकर्ता की तरफ से बहस हुई. याचिका पर कुछ पहलू उठाए गए हैं, उन पर जवाब पेश किया गया. रविवार की सुनवाई की मुख्य बिंदू पर बात करते हुए कासलीवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की ओर से कहा गया कि स्पीकर द्वारा संविधान के दायरे में काम नहीं किया गया है. जल्दीबाजी में काम किया गया है, जिसके जवाब में बहस की गई कि संविधान के अधिकार के तहत जो स्पीकर को अधिकार मिले हैं, उसके तहत कार्रवाई की गई है. स्पीकर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं. स्पीकर द्वारा कोई निर्णय होता है तब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है.
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पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की याचिका सुनवाई जारी...
दलबदल कानून को सख्त बनाने को लेकर पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की ओर से पक्षकार बनने की अर्जी पर सुनवाई जारी है. पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के वकील पूनमचंद भंडारी ने बताया कि दलबदल कानून में जो लचीलापन है, उसकी वजह से और हॉर्स ट्रेडिंग की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. विधानसभा स्पीकर की ओर से सचिन पायलट उनके समर्थकों की सदस्यता अयोग्य घोषित करने को लेकर सुनवाई चल रही है.
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इस मामले की सुनवाई के समय उन्होंने भी पक्षकार बनाने के लिए सोमवार को अर्जी लगाई थी. उसे स्वीकार कर लिया गया है. इस मामले पर वे सोमवार की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे. भंडारी ने कहा कि जनता के वोट से जीत के आने वाले विधायक स्वार्थ के लिए दलबदल कर लेता है. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जरूरी है कि दल-बदल के खिलाफ सख्त कानून बने.
बता दें कि पूनमचंद भंडारी ने सोमवार को पक्षकार बनने के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें कोर्ट में अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी. इसके बाद भंडारी कोर्ट रूम के बाहर धरने पर बैठ गए थे और नारे लगाने लगे. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बुलाया और उनके पक्षकार बनने की अर्जी को स्वीकार कर ली थी.