जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल फीस नियामक अधिनियम, 2016 और फीस नियामक नियम, 2017 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. वहीं अदालत ने मामले में विद्याश्रम स्कूल के अभिभावकों की ओर से दायर याचिका को सुनवाई के लिए एकलपीठ के समक्ष भेज दिया है.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश अशोक गौड़ की खंडपीठ ने यह आदेश भारतीय विद्या भवन की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए. अदालत में कहा कि मामले में उठाया गया विवाद खंडपीठ पहले ही तय कर चुकी है. ऐसे में इस मामले में अलग से आदेश देने की जरूरत नहीं है.
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याचिकाओ में कहा गया कि फीस नियामक कानून से याचिकाकर्ता की स्वायत्तता समाप्त होती है. स्कूल की फीस तय करने का अधिकार स्कूल प्रशासन को होना चाहिए. वहीं स्कूल के अभिभावकों की ओर से सत्र 2019-2020 की बढ़ी फीस को चुनोती दी गई थी. इसके अलावा स्कूल प्रशासन की ओर से याचिका के लंबित रहने के दौरान वसूली गई, अधिक फीस को भी चुनौती दी गई थी.
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पूर्व में एकलपीठ ने खंडपीठ में स्कूल की याचिका लंबित होने के चलते अभिभावकों के मामले को भी खंडपीठ में भेज दिया था. खंडपीठ ने स्कूल प्रशासन की याचिका को खारिज करते हुए अभिभावकों के मामले को एकलपीठ के समक्ष भेज दिया है.