जयपुर. गर्मी के तेवर दिखाने के साथ ही जहां इन दिनों घरों और कार्यालयों में बिजली का उपयोग बढ़ गया है. वहीं शासन सचिवालय में कार्मिकों की लापरवाही से बिजली खर्च बढ़ने और शॉट सर्किट से आग लगने की आंशकाओं को देखते हुए कार्मिक विभाग सख्त हो गया है.
कार्मिक विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर किसी भी विभाग या अनुभाग में बिना जारी किए दिए दिशा निर्देशों की पालना करने में लापरवाही बरती गई और आग लगने की कोई अप्रिय घटना हुई तो कार्रवाई करते हुए नुकसान की भरपाई संबंधित विभाग या अनुभाग के वरिष्ठ अधिकारी से की जाएगी.
दरअसल, कार्मिक विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह ने इस बारे में सभी विभागों के लिए एक परिपत्र जारी किया है. जिसके मुताबिक यह कहा गया है कि ऐसा देखने में आ रहा है कि शासन सचिवालय के मुख्य भवन, खाद्य भवन, उत्तरी पश्चिमी भवन और मंत्रालय भवन के कार्यालयों में कंप्यूटर, प्रिंटर, एसी, पंखे, कूलर, फोटो कॉपी मशीन, फैक्स मशीन समेत बिजली के अन्य उपकरण कार्यालय में उपयोग के बाद और कार्यालय समय के बाद पूरी तरह से बंद नहीं किए जा रहे हैं. इस वजह से बिजली के बिल में भारी बढ़ोतरी होती है. साथ ही साथ शार्ट सर्किट होने की आशंका बनी रहती है.
पढ़ें- जालोर: 14 घंटे तक तड़पता रहा कोरोना संदिग्ध, अस्पताल की लापरवाही ने ले ली जान
कार्मिक विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह ने इस बारे में सभी विभागों को जारी परिपत्र में यह भी कहा है कि कार्मिक विभाग की ओर से पहले भी इस बारे में दिशा-निर्देश दिए जाते रहे हैं कि सभी कार्मिक कार्यालयों में कार्यालय समय में बिजली उपकरणों का उपभोग करने के बाद उन्हें बंद कर देंवे. साथ ही कार्यालय समय के बाद जाते समय भी बिजली उपकरणों को बंद कर दें, ताकि बिजली का बिल बढ़ोतरी नहीं हो और शॉट सर्किट की अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके.
पढ़ेंः मोबाइल मेडिकल OPD वैन से अब तक 11 हजार से ज्यादा मरीजों को मिला लाभ
कार्मिक विभाग ने इस पत्र में 3 मई को सचिवालय में एक कमरे में आग लगने की घटना का जिक्र करते हुए सावचेत किया है जो कि एक वॉल फैन के चालू रहने के कारण शॉट सर्किट से लग गई थी. कार्मिक विभाग ने साफ कर दिया है कि विभागों और अनुभागों में दिशा निर्देशों की पालना करवाने की जिम्मेदारी संबंधित अनुभाग के वरिष्ठ अधिकारी की है.
निर्देशों की पालना नहीं करने पर अगर किसी विभाग या अनुभाग में आग लगने की अनहोनी घटित हुई तो ऐसे में संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. साथ ही जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई के लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.