जयपुर. बीते दिनों प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था. उस दौरान मंच से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस प्रदर्शन के तरीके को कोरोना नियमों के खिलाफ बताया था. वहीं एक बार उसी कांग्रेस पार्टी के विधायक कोरोना नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.
हर दिन सोशल मीडिया पर कांग्रेस विधायकों की मौज-मस्ती, खेलकूद और योगा करती तस्वीरें सामने आती हैं. इसके अलावा कांग्रेसी विधायक होटल के एग्जीक्यूटिव सैफ से नई-नई रेसिपी सीख रहे हैं. यही नहीं बड़ी स्क्रीन पर फिल्मों का आनंद भी लिया जा रहा है. इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और ना ही मास्क लगाने की. ऐसे में अब प्रदेश की आम जनता और खासकर युवा जनप्रतिनिधियों की इन गतिविधियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान युवाओं ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में कोरोना संकट फैला हुआ है. 1 दिन में पॉजिटिव केस 900 के पार जा रहे हैं और जिम्मेदार होटल में ऐशो आराम कर रहे हैं. युवाओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोरोना काल में अंतिम संस्कार में 20 और शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोगों की उपस्थिति होने पर चालान काटने का प्रावधान तय किए हुए हैं. दूसरी तरफ दावे के अनुसार 104 विधायक सामूहिक गतिविधियां कर रहे हैं. ऐसे में उनका चालान क्यों नहीं काटा जा रहा है. युवाओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को वोट देकर क्षेत्र के विकास के लिए जिताया गया था, लेकिन विधायक खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं और प्रदेश के विकास से दूर-दूर तक उनका कोई सरोकार नहीं.
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युवाओं ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जहां युवाओं का रोजगार छिन गया है. वहीं सरकार के नुमाइंदे पैसों की बोरी पर सो रहे हैं. जितने भी नियम कायदे बनाए गए हैं, वो सभी आम जनता के लिए हैं. जनप्रतिनिधियों के लिए नहीं है. ऐसे में अब युवाओं ने कोरोना काल की इस आपात स्थिति में सरकार बचाने में जुटी कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा है.