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राजस्थान के राजनीतिक घमासान पर जयपुरवासियों की तीखी प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा - etv bharat hindi news

प्रदेश का सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इस बीच सीएम अशोक गहलोत खेमे के विधायक कोरोना को भूलकर जयपुर के लग्जरी होटल में ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं. मस्ती के माहौल में खेलकूद-योगा के दौरान विधायक ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं और ना मास्क का इस्तेमाल कर रहे. इन सब के बीच ईटीवी भारत ने जयपुर की जनता से प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जानी.

jaipur news, rajasthan political crisis
सत्ता के नशे में चूर प्रदेश के जनप्रतिनिधि
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Published : Jul 20, 2020, 4:05 PM IST

Updated : Jul 20, 2020, 4:14 PM IST

जयपुर. बीते दिनों प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था. उस दौरान मंच से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस प्रदर्शन के तरीके को कोरोना नियमों के खिलाफ बताया था. वहीं एक बार उसी कांग्रेस पार्टी के विधायक कोरोना नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

जनता की राय... पार्ट-1

हर दिन सोशल मीडिया पर कांग्रेस विधायकों की मौज-मस्ती, खेलकूद और योगा करती तस्वीरें सामने आती हैं. इसके अलावा कांग्रेसी विधायक होटल के एग्जीक्यूटिव सैफ से नई-नई रेसिपी सीख रहे हैं. यही नहीं बड़ी स्क्रीन पर फिल्मों का आनंद भी लिया जा रहा है. इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और ना ही मास्क लगाने की. ऐसे में अब प्रदेश की आम जनता और खासकर युवा जनप्रतिनिधियों की इन गतिविधियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

जनता की राय... पार्ट-2

पढ़ेंः HC में याचिका पर सुनवाई...सिंघवी बोले- अभी तक स्पीकर ने विधायकों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान युवाओं ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में कोरोना संकट फैला हुआ है. 1 दिन में पॉजिटिव केस 900 के पार जा रहे हैं और जिम्मेदार होटल में ऐशो आराम कर रहे हैं. युवाओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोरोना काल में अंतिम संस्कार में 20 और शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोगों की उपस्थिति होने पर चालान काटने का प्रावधान तय किए हुए हैं. दूसरी तरफ दावे के अनुसार 104 विधायक सामूहिक गतिविधियां कर रहे हैं. ऐसे में उनका चालान क्यों नहीं काटा जा रहा है. युवाओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को वोट देकर क्षेत्र के विकास के लिए जिताया गया था, लेकिन विधायक खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं और प्रदेश के विकास से दूर-दूर तक उनका कोई सरोकार नहीं.

रिसार्ट मेंं फिल्म देखते विधायक

पढ़ेंः बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट में ही रुके हैं राजस्थान के विधायक, मंगाए 3 जोड़ी कपड़े- सूत्र

युवाओं ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जहां युवाओं का रोजगार छिन गया है. वहीं सरकार के नुमाइंदे पैसों की बोरी पर सो रहे हैं. जितने भी नियम कायदे बनाए गए हैं, वो सभी आम जनता के लिए हैं. जनप्रतिनिधियों के लिए नहीं है. ऐसे में अब युवाओं ने कोरोना काल की इस आपात स्थिति में सरकार बचाने में जुटी कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा है.

जयपुर. बीते दिनों प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था. उस दौरान मंच से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस प्रदर्शन के तरीके को कोरोना नियमों के खिलाफ बताया था. वहीं एक बार उसी कांग्रेस पार्टी के विधायक कोरोना नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

जनता की राय... पार्ट-1

हर दिन सोशल मीडिया पर कांग्रेस विधायकों की मौज-मस्ती, खेलकूद और योगा करती तस्वीरें सामने आती हैं. इसके अलावा कांग्रेसी विधायक होटल के एग्जीक्यूटिव सैफ से नई-नई रेसिपी सीख रहे हैं. यही नहीं बड़ी स्क्रीन पर फिल्मों का आनंद भी लिया जा रहा है. इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और ना ही मास्क लगाने की. ऐसे में अब प्रदेश की आम जनता और खासकर युवा जनप्रतिनिधियों की इन गतिविधियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान युवाओं ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में कोरोना संकट फैला हुआ है. 1 दिन में पॉजिटिव केस 900 के पार जा रहे हैं और जिम्मेदार होटल में ऐशो आराम कर रहे हैं. युवाओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोरोना काल में अंतिम संस्कार में 20 और शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोगों की उपस्थिति होने पर चालान काटने का प्रावधान तय किए हुए हैं. दूसरी तरफ दावे के अनुसार 104 विधायक सामूहिक गतिविधियां कर रहे हैं. ऐसे में उनका चालान क्यों नहीं काटा जा रहा है. युवाओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को वोट देकर क्षेत्र के विकास के लिए जिताया गया था, लेकिन विधायक खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं और प्रदेश के विकास से दूर-दूर तक उनका कोई सरोकार नहीं.

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युवाओं ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जहां युवाओं का रोजगार छिन गया है. वहीं सरकार के नुमाइंदे पैसों की बोरी पर सो रहे हैं. जितने भी नियम कायदे बनाए गए हैं, वो सभी आम जनता के लिए हैं. जनप्रतिनिधियों के लिए नहीं है. ऐसे में अब युवाओं ने कोरोना काल की इस आपात स्थिति में सरकार बचाने में जुटी कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा है.

Last Updated : Jul 20, 2020, 4:14 PM IST
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