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सूर्य की उपासना और दान का पावन पर्व, श्रद्धालुओं ने गलताजी में लगाई आस्था की डुबकी

मकर सक्रांति त्यौहार पर सूर्य की उपासना और स्नान-दान के पावन पर्व पर गलताजी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. उसके बाद दान-पुण्य का दौर चला, जहां श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ कमाया.

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गलताजी में मकर सक्रांति
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Published : Jan 15, 2020, 12:37 PM IST

जयपुर. छोटी काशी जयपुर में मकर सक्रांति का पर्व बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में मकर संक्रांति के पर्व के श्रेष्ठ पुण्य काल में बुधवार को दान-पुण्य का दौर चला. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गलता जी सरोवर में तीर्थ स्नान किया.

दान-पुण्य के लिए गौशालाओं में दिनभर गाय और बछड़ों की मनवार होती रही. मंदिरों में पतंगों की विशेष झांकियां भी सजाई गई. गलता जी में अलसुबह पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सानिध्य में कुंड स्नान हुआ.

गलताजी में मकर सक्रांति

इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रहीं और कुंड में डुबकी लगाकर सूर्य की उपासना की. वहीं गरीबों को दान देकर पुण्य का लाभ लिया.

यह भी पढ़ें- जयपुर की पतंगबाजी में पौराणिक और आधुनिक स्वरूप का मिश्रण, मकर सक्रांति गंगा-जमुनी तहजीब का भी प्रतीक

अरावली की पहाड़ियों से गिरे सरोवर में गो-मुख से निकलते जल से देश-विदेश के श्रदालु स्नान करने पहुंचे. कहा जाता है, कि गलता कुंड में स्नान करने मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं. इस मंदिर परिसर में 2 कुंड बने हुए हैं, जिसमें खासतौर पर मकर सक्रांति पर्व पर श्रदालु बड़ी संख्या में स्नान करने पहुंचते हैं.

गलता जी मंदिर के अलावा यहां बालाजी और सूर्य मंदिर भी है, जहां श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. यहां गोमुख के स्रोत वाले तीन जल प्रवाह हैं और यह इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है. बता दें, कि उस समय के सामाजिक मापदंडों के साथ ये बनाया गया था. जिसमें पुरुष और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाए गए हैं.

जयपुर. छोटी काशी जयपुर में मकर सक्रांति का पर्व बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में मकर संक्रांति के पर्व के श्रेष्ठ पुण्य काल में बुधवार को दान-पुण्य का दौर चला. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गलता जी सरोवर में तीर्थ स्नान किया.

दान-पुण्य के लिए गौशालाओं में दिनभर गाय और बछड़ों की मनवार होती रही. मंदिरों में पतंगों की विशेष झांकियां भी सजाई गई. गलता जी में अलसुबह पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सानिध्य में कुंड स्नान हुआ.

गलताजी में मकर सक्रांति

इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रहीं और कुंड में डुबकी लगाकर सूर्य की उपासना की. वहीं गरीबों को दान देकर पुण्य का लाभ लिया.

यह भी पढ़ें- जयपुर की पतंगबाजी में पौराणिक और आधुनिक स्वरूप का मिश्रण, मकर सक्रांति गंगा-जमुनी तहजीब का भी प्रतीक

अरावली की पहाड़ियों से गिरे सरोवर में गो-मुख से निकलते जल से देश-विदेश के श्रदालु स्नान करने पहुंचे. कहा जाता है, कि गलता कुंड में स्नान करने मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं. इस मंदिर परिसर में 2 कुंड बने हुए हैं, जिसमें खासतौर पर मकर सक्रांति पर्व पर श्रदालु बड़ी संख्या में स्नान करने पहुंचते हैं.

गलता जी मंदिर के अलावा यहां बालाजी और सूर्य मंदिर भी है, जहां श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. यहां गोमुख के स्रोत वाले तीन जल प्रवाह हैं और यह इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है. बता दें, कि उस समय के सामाजिक मापदंडों के साथ ये बनाया गया था. जिसमें पुरुष और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाए गए हैं.

Intro:मकर सक्रांति त्यौहार के सूर्य की उपासना स्नान-दान का पावन पर्व पर गलताजी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. उसके बाद दान पुण्य का दौर चला. जहां श्रदालुओं ने पुण्य लाभ कमाया


Body:सूर्य की उपासना स्नान-दान का पावन पर्व, गलताजी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

जयपुर. छोटीकाशी जयपुर में मकर सक्रांति का पर्व बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में मकर संक्रांति के पर्व के श्रेष्ठ पुण्य काल में बुधवार को दान पुण्य का दौर चला. साथ ही बड़ी संख्या में श्रदालुओं ने गलता जी सरोवर में तीर्थ स्नान किया. तो वहीं गौशालाओं में दिनभर गाय और बछड़ो की मनवार होती रही. मंदिरों में पतंगों की विशेष झांकियां भी सजाई गई.

गलता जी में अलसुबह पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के सानिध्य में कुंड स्नान हुआ. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. जिसमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रही और कुंड में डुबकी लगाकर सूर्य की उपासना की. वहीं गरीबों को दान देकर पुण्य का लाभ लिया. अरावली की पहाड़ियों से गिरे सरोवर में गो-मुख से निकलते जल से देश विदेश के श्रदालु स्नान करने पहुंचे.

कहा जाता है कि गलता कुंड में स्नान करने से ही आपके सारे पाप धुल जाते हैं. इस मंदिर परिसर में 2 कुंड बने हुए. जिसमें खासतौर पर मकर सक्रांति पर्व पर श्रदालु के दिनों बड़ी संख्या में स्नान करने पहुंते हैं. गलता जी मंदिर के अलावा यहां बालाजी और सूर्य मंदिर भी है, जहां पर श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. यहां गोमुख के स्रोत वाले तीन जल प्रवाह है और यह इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है. बता दे कि उस समय के सामाजिक मापदंडों के साथ ये बनाए गए था. जिसमें पुरुष और महिलाओं के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाए गए है.

बाइट- नानूराम सैनी, श्रदालु


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