जयपुर. कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान प्रदेशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. जब संक्रमण पीक पर था तब हर दिन लगभग 10 से 15 हजार नए केस सामने आ रहे थे. हालांकि तीसरी लहर में कोविड की चपेट में आने वाले अधिकतर मरीज 7 से 8 दिन में ठीक हो रहे थे. लेकिन पोस्ट कोविड के प्रभाव (post covid effects of corona) से मरीजों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं जिनसे वे लंबे समय तक जूझ रहे हैं. पोस्ट कोविड की समस्याओं में मुख्य रूप से त्वचा संबंधी बीमारियां और बाल झड़ने की शिकायत (Skin problems and hair Fall due to corona effect) अधिक देखने को मिल रही है.
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सक डॉ राकेश जैन का कहना है कि हाल ही में तकरीबन ऐसे 20 फीसदी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिन्हें स्किन और बाल झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जब मरीज की हिस्ट्री पता की जा रही है तो पूर्व में उसके कोरोना की चपेट में आने की बात पता चल रही है. चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके मरीजों में पोस्ट कोविड के काफी इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं. इसमें प्रमुख रूप से त्वचा संबंधी बीमारी और बाल झड़ने की समस्या आ रही है.
पढ़ें. SPECIAL : ठीक होने के बाद भी दर्द दे रहा कोरोना...'संजीवनी' बने पोस्ट कोविड केयर सेंटर
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को अधिक समस्या
डॉक्टर राकेश जैन का कहना है कि आमतौर पर त्वचा संबंधी सबसे अधिक बीमारियां ऐसे मरीजों में देखने को मिल रहीं हैं जो डायबिटीज से पीड़ित हैं और कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे मरीजों के घाव नहीं भरने के मामले सबसे अधिक देखने को मिल रहे हैं. इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को स्किन रैशेज का सामना भी करना पड़ रहा है. डॉक्टर जैन का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने वाले व्यक्ति में यदि स्किन संबंधी या बाल झड़ने जैसी बीमारी सामने आने लगे तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
विटामिंस की कमी से झड़ते हैं बाल
चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके मरीजों में विटामिंस की कमी देखने को मिल रही है. मरीज कोरोना से तो ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद बाल झड़ने की समस्या उसे जकड़ लेती है. हालांकि मरीज चिकित्सक की सलाह के बाद इलाज शुरु करता है तो जल्द ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.