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निकाय चुनाव को लेकर सचिन पायलट ने दिए पर्यवेक्षकों को निर्देश, कहा- व्यापक जनाधार वाले उम्मीदवार का ध्यान रखा जाए

हाइब्रिड सिस्टम से चुनाव करवाने पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट का विरोध जगजाहिर है. लेकिन अगर कोई विशेष परिस्थिति बनती है जिसमें बाहर के नेता को सीट पर बैठाया जाए. तो ऐसी परिस्थति से बचने के लिए सचिन पायलट ने सभी जिले में पर्वेक्षकों को निर्देश दिए गए है कि वो योग्य उम्मीदवारों का चयन करें जिससे ऐसी विशेष परिस्थिति ही नहीं बने.

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Published : Oct 29, 2019, 9:04 PM IST

जयपुर. हाइब्रिड सिस्टम से चुनाव करवाने पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट का विरोध जगजाहिर है. पायलट के विरोध के बाद ही इस नियम में आंशिक बदलाव भी किए गए हैं. लेकिन इन बदलावों के बाद भी अगर कोई विशेष परिस्थिति बनती है जैसे कि या तो किसी वर्ग का योग्य नेता जीत कर ही ना आए तो ऐसे में बाहर के नेता को इस सीट पर बैठाया जा सकता है.

निकाय चुनाव को लेकर सचिन पायलट ने दिए पर्यवेक्षकों को निर्देश

ऐसे में खुद सचिन पायलट को ही उन विशेष परिस्थितियों में यह तय करना पड़ेगा की किसे बिना चुनाव जीते सभापति या चेयरमैन बनाना है. ऐसी विशेष परिस्थिति ना आए इससे बचने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जिलों में गए सभी पर्यवेक्षकों को यह निर्देश दिए हैं कि वह टिकट के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश करें.

पढ़ें: दुष्यंत चौटाला का राजस्थान से है यह संबंध, यहीं से जुड़ी हैं इस परिवार की जड़ें

लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जो विशेष निर्देश पर्यवेक्षक बनके गए नेताओं को दिए हैं उसमें इस बात का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिला वर्ग के लिए आरक्षित निकाय प्रमुख वाले स्थानों में इन वर्गों के सदस्य पद के उम्मीदवारों का चयन करते हुए व्यापक जनाधार वाले उम्मीदवार का ध्यान रखा जाए.

इसका मतलब साफ है कि सचिन पायलट नहीं चाहते हैं कि कोई ऐसी विशेष परिस्थिति पैदा हो कि उन्हें खुद ही इस हाइब्रिड सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ जाए. ऐसे में वह पहले ही ऐसे जनाधार वाले नेताओं को टिकट दे देना चाहते हैं. जो चुनाव जीत भी जाएं और चुनाव जीतने के बाद में अगर किसी बड़े पद पर उन नेताओं को बैठाना हो तो उसमें किसी तरीके की परेशानी ना हो.

जयपुर. हाइब्रिड सिस्टम से चुनाव करवाने पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट का विरोध जगजाहिर है. पायलट के विरोध के बाद ही इस नियम में आंशिक बदलाव भी किए गए हैं. लेकिन इन बदलावों के बाद भी अगर कोई विशेष परिस्थिति बनती है जैसे कि या तो किसी वर्ग का योग्य नेता जीत कर ही ना आए तो ऐसे में बाहर के नेता को इस सीट पर बैठाया जा सकता है.

निकाय चुनाव को लेकर सचिन पायलट ने दिए पर्यवेक्षकों को निर्देश

ऐसे में खुद सचिन पायलट को ही उन विशेष परिस्थितियों में यह तय करना पड़ेगा की किसे बिना चुनाव जीते सभापति या चेयरमैन बनाना है. ऐसी विशेष परिस्थिति ना आए इससे बचने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जिलों में गए सभी पर्यवेक्षकों को यह निर्देश दिए हैं कि वह टिकट के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश करें.

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लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जो विशेष निर्देश पर्यवेक्षक बनके गए नेताओं को दिए हैं उसमें इस बात का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और महिला वर्ग के लिए आरक्षित निकाय प्रमुख वाले स्थानों में इन वर्गों के सदस्य पद के उम्मीदवारों का चयन करते हुए व्यापक जनाधार वाले उम्मीदवार का ध्यान रखा जाए.

इसका मतलब साफ है कि सचिन पायलट नहीं चाहते हैं कि कोई ऐसी विशेष परिस्थिति पैदा हो कि उन्हें खुद ही इस हाइब्रिड सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ जाए. ऐसे में वह पहले ही ऐसे जनाधार वाले नेताओं को टिकट दे देना चाहते हैं. जो चुनाव जीत भी जाएं और चुनाव जीतने के बाद में अगर किसी बड़े पद पर उन नेताओं को बैठाना हो तो उसमें किसी तरीके की परेशानी ना हो.

Intro:हाइब्रिड सिस्टम से निकाय चुनाव करवाने के फैसले पर हो चुका आंशिक बदलाव लेकिन अब भी योग्य उम्मीदवार नहीं होने पर चुना जा सकता है राजनीतिक पार्टी के द्वारा बिना जीते मेयर सभापति या चेयरमैन ऐसे में कांग्रेस राजस्थान पार्टी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने दिए टिकटों के लिए गए पर्यवेक्षकों को निर्देश एससी एसटी ओबीसी और महिला सीटों पर रखा जाए टिकट देने से पहले खास ध्यान और जनाधार वाले नेताओं को दिया जाए टिकट बाकी ऐसी विशेष प्रस्तुति ना हो उत्पन्न


Body:हाइब्रिड सिस्टम से चुनाव करवाने पर राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट का विरोध जगजाहिर है पायलट के विरोध के बाद ही इस नियम में आंशिक बदलाव भी किए गए हैं लेकिन इन बदलावों के बाद भी अगर कोई विशेष परिस्थिति ऐसी बनती है जैसे कि या तो किसी वर्ग का योग्य नेता जीत कर ही ना आए तो ऐसे में बाहर के नेता को इस सीट पर बैठाया जा सकता है ऐसे में खुद सचिन पायलट को ही उन विशेष परिस्थितियों में यह तय करना पड़ेगा की किसे बिना चुनाव जीते मेल सभापति या चेयरमैन बनाना है ऐसी विशेष परिस्थिति ना आए इससे बचने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जिलों में गए सभी पर्यवेक्षकों को यह निर्देश दिए हैं कि वह टिकट के लिए योग्य उम्मीदवारों की तलाश करें लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जो विशेष निर्देश पर्यवेक्षक बनके गए पार्टी के नेताओं को दिए हैं उसमें इस बात का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति ओबीसी व महिला वर्ग के लिए आरक्षित निकाय प्रमुख वाले स्थानों में इन वर्गों के सदस्य पद के उम्मीदवारों का चयन करते हुए व्यापक जनाधार वाले उम्मीदवार का ध्यान रखा जाए इसका मतलब साफ है कि सचिन पायलट नहीं चाहते हैं कि कोई ऐसी विशेष परिस्थिति पैदा हो कि उन्हें खुद ही इस हाइब्रिड सिस्टम का इस्तेमाल करना पड़ जाए ऐसे में वह पहले ही ऐसे जनाधार वाले नेताओं को टिकट दे देना चाहते हैं जो चुनाव जीत भी जाएं और चुनाव जीतने के बाद में अगर किसी बड़े पद पर उन नेताओं को बैठाना हो तो उसमें किसी तरीके की परेशानी ना हो
पीटीसी अजीत


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