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Budget Special 2021: पटवारियों को ग्रेड पे 3600 होने की उम्मीद, पटवार घर और संसाधन का मुद्दा भी उठाया

केंद्र के बाद अब प्रदेश सरकार का बजट भी पेश होने वाला है. ऐसे में राजस्थान की जनता के साथ पटवारियों को भी इस गहलोत सरकार के बजट से काफी उम्मीदें हैं. 3600 ग्रेड पे समेत तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पटवारियों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में उनकी मांगें जरूर पूरी की जाएगी.

Demand for patwari's from CM Gehlot, पटवारियों की 3600 ग्रेड पे की मांग
पटवारियों को राजस्थान के बजट से उम्मीदें
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Published : Feb 23, 2021, 2:24 PM IST

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 फरवरी को बजट पेश करने वाले हैं जबकि उन्हें करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि पटवारियों के आंदोलन के चलते सरकार के पास राजस्व नही आ रहा. पटवारियों की मांग है कि सरकार उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं करवाती जिसके चलते वे सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं. आने वाले बजट में पटवारियों ने मांग की है कि सरकार उन्हें 3600 ग्रेड पे दे और ऑनलाइन काम के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए.

पटवारियों को राजस्थान के बजट से उम्मीदें

पढ़ें: Rajasthan Budget 2021: युवा-किसान-व्यवसायी...जानिए राजस्थान बजट से किस वर्ग को क्या-क्या हैं उम्मीदें

ग्रेड पे 3600 के साथ ही 3 सूत्री मांगों को लेकर पटवारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. दो बार सरकार से वार्ता भी विफल हो चुकी है. बजट को लेकर पटवारियों ने सरकार के सामने कुछ मांग भी रखी है. पटवारियों को सरकार से आस है कि इस बजट में वे उनकी मांगों को जरूर पूरी करेंगे. पटवारियों का कहना है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पटवार घर नहीं है जिस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां पटवार घर है वहां ना तो टेबल है और ना ही शौचालय है. इस कारण पटवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

महिला पटवारियों की सुरक्षा का मुद्दा अहम

पटवारी विमला मीणा ने महिला पटवारियों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने कहा कि पटवारियों की ड्यूटी 24 घंटे की रहती है और उन्हें दूरदराज इलाकों में बिना संसाधन के जाना पड़ रहा है. उन्हें किसी भी समय, कहीं भी जाना पड़ सकता है. प्राकृतिक आपदा के समय महिला पटवारियों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. इसलिए आने वाले बजट में महिला पटवारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सरकार कोई घोषणा करे.

पढ़ें: प्रदेश में कल से हो सकती है एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

लैपटॉप और प्रिंटर तक नहीं

विमला मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पटवार घर नहीं है और जहां है वह भी जीर्णशीर्ण अवस्था में है. वहां न तो फर्नीचर है और ना लाइट पानी की व्यवस्था है. यह व्यवस्था भी पटवारियों को खुद के स्तर पर ही करनी पड़ती है. मीणा ने कहा कि सरकार काम को पेपर लेस और ऑनलाइन करने की बात कहती है लेकिन उन्हें इसके लिए संसाधन नहीं दिए जा रहे हैं. पटवारियों को लैपटॉप और प्रिंटर देने की मांग सालों से लंबित चल रही है लेकिन अभी तक उन्हें लैपटॉप और प्रिंटर नहीं दिए गए हैं. बजट में पटवारियों के लिए पटवार घर की मांग की गई है.

ग्रेड पे की मांग बजट में जरूर पूरी की जाए

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप कुमार दक ने बताया कि मुख्यमंत्री बजट पेश करने वाले हैं और हमें उम्मीद है कि इस बजट में हमारी ग्रेड पे व अन्य मांगें पूरी की जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पटवारियों के आंदोलन से 5000 अतिरिक्त पटवार मंडलों का बहिष्कार किया गया है. इस कारण भूमि रूपांतरण और पंजीयन शुल्क से सरकार को करोड़ों रुपए की होने वाली आय फिलहाल नहीं हो पा रही है. उन्होंने मांग की है कि सरकार बजट में पटवारी की ग्रेड पे 3600 रुपये मासिक करने की मांग इस बजट में अवश्य पूरी की जाए.

पटवारी विजय सिंह हाडा ने भी पटवारियों के संसाधन का मुद्दा उठाया और उन्होंने कहा कि बिना संसाधनों के सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करना मुश्किल साबित हो रहा है. इसलिए हमारी मांग है कि आने वाले बजट में सरकार पटवारियों के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए. उन्होंने कहा कि धारा-91 की वसूली भी नहीं हो पा रही है. जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है.
पटवारी नेमीचंद सिहाग ने कहा कि वर्तमान में सरकार को राजस्व में करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. पटवारी कई तरह के शुल्क सरकार को वसूल करके देते हैं और सरकार को करोड़ों की आय भी होती है. यदि सरकार बजट में उनकी मांगें मान लेती है तो वह सरकार को करोड़ों का राजस्व अर्जित कर दे सकते हैं जिससे ग्रेड पे 3600 देने में सरकार को कोई भी आर्थिक नुकसान नहीं होगा.

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 फरवरी को बजट पेश करने वाले हैं जबकि उन्हें करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि पटवारियों के आंदोलन के चलते सरकार के पास राजस्व नही आ रहा. पटवारियों की मांग है कि सरकार उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं करवाती जिसके चलते वे सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं. आने वाले बजट में पटवारियों ने मांग की है कि सरकार उन्हें 3600 ग्रेड पे दे और ऑनलाइन काम के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए.

पटवारियों को राजस्थान के बजट से उम्मीदें

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ग्रेड पे 3600 के साथ ही 3 सूत्री मांगों को लेकर पटवारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. दो बार सरकार से वार्ता भी विफल हो चुकी है. बजट को लेकर पटवारियों ने सरकार के सामने कुछ मांग भी रखी है. पटवारियों को सरकार से आस है कि इस बजट में वे उनकी मांगों को जरूर पूरी करेंगे. पटवारियों का कहना है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पटवार घर नहीं है जिस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां पटवार घर है वहां ना तो टेबल है और ना ही शौचालय है. इस कारण पटवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

महिला पटवारियों की सुरक्षा का मुद्दा अहम

पटवारी विमला मीणा ने महिला पटवारियों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है. उन्होंने कहा कि पटवारियों की ड्यूटी 24 घंटे की रहती है और उन्हें दूरदराज इलाकों में बिना संसाधन के जाना पड़ रहा है. उन्हें किसी भी समय, कहीं भी जाना पड़ सकता है. प्राकृतिक आपदा के समय महिला पटवारियों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. इसलिए आने वाले बजट में महिला पटवारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सरकार कोई घोषणा करे.

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लैपटॉप और प्रिंटर तक नहीं

विमला मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पटवार घर नहीं है और जहां है वह भी जीर्णशीर्ण अवस्था में है. वहां न तो फर्नीचर है और ना लाइट पानी की व्यवस्था है. यह व्यवस्था भी पटवारियों को खुद के स्तर पर ही करनी पड़ती है. मीणा ने कहा कि सरकार काम को पेपर लेस और ऑनलाइन करने की बात कहती है लेकिन उन्हें इसके लिए संसाधन नहीं दिए जा रहे हैं. पटवारियों को लैपटॉप और प्रिंटर देने की मांग सालों से लंबित चल रही है लेकिन अभी तक उन्हें लैपटॉप और प्रिंटर नहीं दिए गए हैं. बजट में पटवारियों के लिए पटवार घर की मांग की गई है.

ग्रेड पे की मांग बजट में जरूर पूरी की जाए

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष दिलीप कुमार दक ने बताया कि मुख्यमंत्री बजट पेश करने वाले हैं और हमें उम्मीद है कि इस बजट में हमारी ग्रेड पे व अन्य मांगें पूरी की जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पटवारियों के आंदोलन से 5000 अतिरिक्त पटवार मंडलों का बहिष्कार किया गया है. इस कारण भूमि रूपांतरण और पंजीयन शुल्क से सरकार को करोड़ों रुपए की होने वाली आय फिलहाल नहीं हो पा रही है. उन्होंने मांग की है कि सरकार बजट में पटवारी की ग्रेड पे 3600 रुपये मासिक करने की मांग इस बजट में अवश्य पूरी की जाए.

पटवारी विजय सिंह हाडा ने भी पटवारियों के संसाधन का मुद्दा उठाया और उन्होंने कहा कि बिना संसाधनों के सरकार की योजनाओं को क्रियान्वित करना मुश्किल साबित हो रहा है. इसलिए हमारी मांग है कि आने वाले बजट में सरकार पटवारियों के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए. उन्होंने कहा कि धारा-91 की वसूली भी नहीं हो पा रही है. जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है.
पटवारी नेमीचंद सिहाग ने कहा कि वर्तमान में सरकार को राजस्व में करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. पटवारी कई तरह के शुल्क सरकार को वसूल करके देते हैं और सरकार को करोड़ों की आय भी होती है. यदि सरकार बजट में उनकी मांगें मान लेती है तो वह सरकार को करोड़ों का राजस्व अर्जित कर दे सकते हैं जिससे ग्रेड पे 3600 देने में सरकार को कोई भी आर्थिक नुकसान नहीं होगा.

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