कोटा. कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में कोरोना वायरस संदिग्ध वार्ड में भर्ती एक मरीज की 24 मई को मौत हो गई. अब उसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उसके तड़पकर मरते हुए साफ-साफ दिखाई दे रहा है. इसमें साफ नजर आ रहा है कि अस्पताल में स्टाफ उसे संभालने के लिए नहीं पहुंचा. जबकि जो व्यक्ति वीडियो बना रहा है. वह भी महज वीडियो ही उसका बना रहा था. उसकी जगह और अस्पताल के स्टाफ को बुला सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
इस वीडियो के सामने आने के बाद अब मृतक के भाई ने भी महावीर नगर थाने में पुलिस को इस संबंध में एक शिकायत दी है. अस्पताल प्रबंधन ने दावा किया है कि नर्सिंग स्टाफ और एक रेजिडेंट इस वार्ड में तैनात थे. जिन्होंने तुरंत इस मरीज को देखा था, लेकिन मरीज को टीबी और अस्थमा के अटैक आ रहे थे.
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जानकारी के मुताबिक कैथून निवासी लालचंद को 21 मई के दिन सांस में तकलीफ हुई तो परिजनों ने ईएसआई अस्पताल में दिखाया. जहां से उन्होंने कोरोना जांच और चेस्ट एक्सरे के लिए नए अस्पताल में रेफर कर दिया. वहां से उसे कोरोना के संदिग्ध वार्ड में भर्ती कर लिया. कोरोना संदिग्ध वार्ड में 23 तारीख को रात की 3 बजे उसकी तबीयत खराब हो गई. तड़पते हुए वह बेड से नीचे गिर गया. संदिग्ध मरीजों के वार्ड में ड्यूटी में तैनात नर्सिंग स्टाफ को भनक तक नहीं लगी और उसने वहां दम तोड़ दिया. जबकि वहां पर मौजूद एक व्यक्ति इसका वीडियो बना रहा था. ऐसे में जब वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, ऐसे में मृतक के भाई सुरेश कुमार लोगों ने पुलिस को शिकायत दी है.
6 घंटे तक नहीं दी बॉडी
मृतक के परिजनों का कहना है कि कोरोना संदिग्ध होने के कारण उसके पास किसी को नहीं रुकने दिया. हम उसकी कोरोना जांच की रिपोर्ट के बारे में पूछते रहे, लेकिन हमें जवाब भी नहीं मिला. 24 मई को हमारे पास अस्पताल से कॉल आया कि आपके भाई की मौत हो गई है. शव गेट नंबर 4 से ले जाना. हम सुबह 6 बजे नए अस्पताल पहुंचे, लेकिन स्टाफ ने पर्ची पर नहीं लिखा था कि उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है. ऐसे में हमें 6 घंटे बाद दोपहर में 12 बजे उसका शव मिला. जबकि उसकी रिपोर्ट 1 दिन पहले निगेटिव आ गई थी.