जयपुर. 16 मई यानी वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी (Buddh purnima) जानते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के साथ इस बार आंशिक चंद्र ग्रहण भी है. हालांकि इसका वैज्ञानिक और ज्योतिष शास्त्र के तहत मानव जीवन पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा. यह चंद्रग्रहण 2022 का पहला चंद्रग्रहण होगा.
आज ही के दिन भगवान विष्णु के 9वें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इसे प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ अमित व्यास के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन यदि किसी पवित्र नदी में स्नान किया जए, तो सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. साथ ही मानवीय कष्टों का निवारण करने में भी लाभ प्राप्त होता है. चूंकि इस बार बुद्ध पूर्णिमा सोमवार को पड़ी है, ऐसे में शिव उपासना, शिवलिंग पर जल चढ़ाने, दान करने, या गरीबों को भोजन कराने से कई जन्मों के पुण्य प्राप्त होंगे. वहीं बुद्ध पूर्णिमा पर आर्थिक लाभ होने के भी संकेत हैं. नौकरी पेशा और कारोबार करने वाले जातकों के लिए आज शुभ अवसर रहेगा. वहीं जो लोग अविवाहित है, उनके लिए विवाह के अच्छे प्रस्ताव आने के भी शुभ संकेत है.
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बुद्ध पूर्णिमा में क्या करें. बुद्ध पूर्णिमा के दिन कहीं भी प्याऊ लगवाएं या कहीं मटके में पानी भरकर रखें, जरूरत मंदों को जरूरत का समान या मौसमी फल जैसे आम, तरबूज, खरबूजे का दान अवश्य करें. छायादार पेड़ लगाएं, पशु-पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करना भी अच्छा होगा. बातचीत के दौरान ज्योतिषाचार्य डॉ अमित व्यास ने बताया कि इस बार पूर्णिमा पर (partial lunar eclipse on Buddha Purnima) चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है, लेकिन यह आंशिक चंद्रग्रहण है जिसका ज्योतिष शास्त्र और वैज्ञानिक के नजरिए से मानव जीवन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.
2022 का पहला चंद्र ग्रहण. सूर्य ग्रहण के बाद महज 15 दिन के अंतराल में चंद्रग्रहण लग रहा है. ये साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण है. जो सुबह 8:59 बजे से लेकर 10:23 बजे तक रहेगा. ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. भारत में इस चंद्र ग्रहण की दृश्यता शून्य होगी. इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा.