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प्रदेश में जल्द जारी होगी एम-सैंड नीति, सरकारी कार्यों में भी उपयोग पर करेंगे निर्णय : उद्योग मंत्री - M send policy will be released

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को विधायक चंद्रकांता मेघवाल की ओर से लगाए गए सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि सरकार एम-सैंड (Manufactured Sand) के उपयोग को प्रोत्साहित करने की मंशा रखती है. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में एमसेंट को प्रमोशन देने वाली नीति जारी की जाएगी.

प्रदेश में जल्द ही जारी होगी एम-सेंड नीति, M-Send policy will be released soon in the state
प्रदेश में जल्द ही जारी होगी एम-सेंड नीति
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Published : Feb 26, 2020, 3:01 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बजरी खनन संकट के बीच सरकार एम-सैंड के उपयोग को प्रोत्साहित करने की मंशा रखती है. इसके लिए जल्द ही प्रदेश में एमसेंट को प्रमोशन देने वाली नीति जारी की जाएगी. यही नहीं प्रदेश में चल रहे सरकारी निर्माण कार्यों में भी एम-सैंड (कृत्रिम बजरी) का ही उपयोग हो इसको लेकर भी सरकार के स्तर पर निर्णय कर निर्देश जारी किए जाएंगे. विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में यह जानकारी उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने दी.

प्रदेश में जल्द ही जारी होगी एम-सेंड नीति

मीणा ने बताया कि अभी प्रदेश में बजरी खनन पर रोक केवल नदी और नालों की बजरी पर है जबकि खातेदारी की भूमि से खनन के पट्टे दिए गए हैं. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम सैंड के करीब 47 उद्योग स्थापित है. उद्योग मंत्री ने बताया कि बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड का उपयोग किया जा रहा है और इस प्रकार के उद्योगों को रोशन मिले इसके लिए राज्य में निवेश प्रोत्साहन नीति भी लागू की गई है, जिसमें दो करोड़ से ज्यादा निवेश पर ब्याज का अनुदान है. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम-सेंड का 90.73 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन हो रहा है.

पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप के दौरे को लेकर सचिन पायलट ने कहा- अमेरिका और भारत की दोस्ती राजनीतिक दलों या राजनीतिक नेताओं की नहीं

हालांकि इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में जो सरकारी निर्माण कार्य चल रहे हैं उसमें आज भी अवैध रूप से हो रही बजरी खनन से लाई गई बजरी का इस्तेमाल हो रहा है, चाहे तो मंत्री जी इसको जांच करवा कर दिखा लें. साथ ही कटारिया ने यह भी कहा कि आप ऐसी कोई व्यवस्था करें कि सरकारी निर्माण कार्यों में भी एम-सैंड का ही उपयोग हो. जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में सरकार के स्तर पर निर्णय करवाने का प्रयास करेंगे.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे बजरी खनन संकट के बीच सरकार एम-सैंड के उपयोग को प्रोत्साहित करने की मंशा रखती है. इसके लिए जल्द ही प्रदेश में एमसेंट को प्रमोशन देने वाली नीति जारी की जाएगी. यही नहीं प्रदेश में चल रहे सरकारी निर्माण कार्यों में भी एम-सैंड (कृत्रिम बजरी) का ही उपयोग हो इसको लेकर भी सरकार के स्तर पर निर्णय कर निर्देश जारी किए जाएंगे. विधानसभा में प्रश्नकाल में विधायक चंद्रकांता मेघवाल के द्वारा लगाए गए सवाल के जवाब में यह जानकारी उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने दी.

प्रदेश में जल्द ही जारी होगी एम-सेंड नीति

मीणा ने बताया कि अभी प्रदेश में बजरी खनन पर रोक केवल नदी और नालों की बजरी पर है जबकि खातेदारी की भूमि से खनन के पट्टे दिए गए हैं. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम सैंड के करीब 47 उद्योग स्थापित है. उद्योग मंत्री ने बताया कि बजरी के विकल्प के रूप में एम सैंड का उपयोग किया जा रहा है और इस प्रकार के उद्योगों को रोशन मिले इसके लिए राज्य में निवेश प्रोत्साहन नीति भी लागू की गई है, जिसमें दो करोड़ से ज्यादा निवेश पर ब्याज का अनुदान है. मीणा ने बताया कि प्रदेश में एम-सेंड का 90.73 लाख मीट्रिक टन वार्षिक उत्पादन हो रहा है.

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हालांकि इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में जो सरकारी निर्माण कार्य चल रहे हैं उसमें आज भी अवैध रूप से हो रही बजरी खनन से लाई गई बजरी का इस्तेमाल हो रहा है, चाहे तो मंत्री जी इसको जांच करवा कर दिखा लें. साथ ही कटारिया ने यह भी कहा कि आप ऐसी कोई व्यवस्था करें कि सरकारी निर्माण कार्यों में भी एम-सैंड का ही उपयोग हो. जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में सरकार के स्तर पर निर्णय करवाने का प्रयास करेंगे.

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