जयपुर. कोरोना काल में फीस वसूली के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कई अभिभावकों ने फैसला लिया है कि जब तक स्कूल फीस एक्ट की पालना नहीं करते हैं. तब तक फीस जमा नहीं करवाई जाए. जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर और सीकर के अभिभावकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मुद्दे पर चर्चा की.
जानकारी के अनुसार, अभिभावक एकता आंदोलन राजस्थान के की ओर से आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्कूल फीस के मामले में आगामी रणनीति तय करने के लिए चर्चा की गई.
प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में फीस एक्ट 2016 की अनुपालना सुनिश्चित करने एवं उसके अंतर्गत निर्धारित फीस पर 15% छूट का निर्देश दिया है, लेकिन कोई स्कूल धरातल पर फीस एक्ट की पालना नहीं कर रहा है. प्रदेश कॉर्डिनेटर लवलेश खूंटेटा और एमके विजय ने बताया की जयपुर के विकास शर्मा, आशा अरोड़ा, दिलीप शर्मा, विनय खंडेलवाल, राजेश कानूनगो, कोटा से जितेंद्र गोयल, अनिल माहेश्वरी, अजमेर से हेमंत सिंगोदिया सैनी, पीयूष सुराणा, उदयपुर से प्रदीप विजयवर्गीय, सीकर से महेंद्र तेतरवाल और प्रवीण फोगावत आदि अभिभावक प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे.
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इसके बाद निर्णय लिया गया कि जब तक स्कूल प्रबंधन राज्य के फीस अधिनियम 2016 की अक्षरशः पालना करते हुए पीटीए एवं फीस कमेटी का गठन नहीं करें तब तक कोई भी अभिभावक निजी स्कूल के दबाव में नहीं आए. उन्होंने फीस एक्ट की पालना करने और फीस कमेटी के गठन के बाद ही फीस जमा करवाने की बात कही है.