जयपुर. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. कई स्कूलों में अभिभावक फीस माफ करने को लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं. इसके बावजूद भी निजी स्कूल संचालक मानने को तैयार नहीं है. जयपुर के जवाहर सर्किल पर शनिवार को निजी स्कूल के अभिभावकों ने प्रदर्शन किया और लॉकडाउन के 3 महीने की स्कूल फीस माफ करने की मांग की.
निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक जवाहर सर्किल पहुंचे और यहां 'नो स्कूल नो फीस' को लेकर प्रदर्शन किया. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है और वे फीस देने में असमर्थ हैं. उन्होंने मांग कि बच्चों की 3 महीने की स्कूल की फीस माफ की जाए. साथ ही जो ऑनलाइन क्लासेज चलाई जा रही है. उसके भी नॉमिनल चार्ज लिए जाएं. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन से फीस माफ करने के लिए कई बार कहा गया लेकिन स्कूल वालों ने फीस माफ करने की बात तो दूर मिलना भी मुनासिब नहीं समझा.
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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सभी अभिभावकों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल रही है. अभिभावकों की यह भी शिकायत थी कि पहले तो स्कूल वालों ने बच्चों को कहा कि मोबाइल, लैपटॉप सभी अच्छी चीजें नहीं है और आज वह खुद ही 6 से 8 घंटे बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ा रहे हैं. इसमें स्कूल अपनी तरफ से कोई सुविधा भी नहीं दे रहा है.
स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऑनलाइन क्लासेज में यूज नहीं हो रहा है. अभिभावकों ने बताया कि हम नहीं कह रहे कि पूरी फीस माफ की जाए, लेकिन 3 महीने की फीस स्कूल प्रबंधन माफ कर सकता है. हमें भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापकों की चिंता है, सभी अध्यापक पैसे वाले नहीं होते.
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अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज का भी हम नॉमिनल चार्ज देने के लिए तैयार हैं. स्कूल प्रबंधन की ओर से पूरी फीस लेने को अभिभावकों ने गलत बताया. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री डोटासरा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब स्कूल खुल ही नहीं रहे हैं तो फिर फीस किस बात की.
इसके बावजूद भी अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है. स्कूल संचालक ने फीस माफी के संबंध में मिलने से भी इंकार कर दिया और इसका खामियाजा सरकार और स्कूल को भुगतना पड़ेगा.