जयपुर. कोरोना काल में फीस वसूली सहित अन्य मुद्दों को लेकर निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत देने और असामाजिक तत्व कहने पर शनिवार को अभिभावकों ने प्रेस वार्ता कर विरोध जताया है.
अभिभावकों ने पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से मिलकर अपना पक्ष भी रखा. एक तरफ अभिभावक एकता आंदोलन की ओर से प्रेस वार्ता कर निजी स्कूल संचालकों द्वारा दिए गए बयान की निंदा की गई और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई. वहीं संयुक्त अभिभावक संघ के बैनर तले अभिभावक पुलिस कमिश्नर से मिले और अपना पक्ष रखा.
अभिभावक एकता आंदोलन के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय का कहना है कि उनकी तरफ से निजी स्कूल संचालकों को पत्र लिखकर विद्यार्थियों और अभिभावकों की समस्या को लेकर समाधान के लिए समय मांगा गया था, लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया. इसके बाद कुछ निजी स्कूल संचालकों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर उनके खिलाफ शिकायत दी और अपनी मांग उठाने वाले अभिभावकों को असामाजिक तत्व कहा गया. उन्होंने निजी स्कूल संचालकों के इस बयान की निंदा की और कहा कि वे भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत करेंगे. दूसरी तरफ संयुक्त अभिभावक संघ के बैनर तले अभिभावकों ने भी पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की है.
संयुक्त अभिभावक संघ के लीगल सेल प्रमुख अमित छंगाणी ने बताया कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की है, जिनका कहना है कि स्कूल संचालकों और उनके संगठनों द्वारा कुछ शिकायतें दी गई हैं. जिनमें अभिभावकों और उनके संगठन के पदाधिकारियों को असामाजिक तत्व कहा गया है. इस संबंध में अभिभावकों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर पूरे मामले पर चर्चा की है. उनका कहना है कि उन्होंने निजी स्कूलों द्वारा दी गई शिकायतों की कॉपी मांगी है, जो उन्हें मुहैया नहीं करवाई गई है. अब वे शिकायत की कॉपी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. जब कॉपी मिलेगी, उसके बाद वे अपना बयान देंगे. उनका कहना है कि अभिभावकों को असामाजिक तत्व बताने वाले निजी स्कूल संचालकों के बयान को लेकर वे अलग से कार्रवाई करेंगे.