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भोजन की तलाश में आते है पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में: वन विभाग

जयपुर में आबादी वाले क्षेत्रों में आए दिन पैंथर के मूवमेंट देखे जाते है. जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है,लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पैंथर पानी और भोजन की तलाश में भटकते हुए आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं.

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Published : Nov 24, 2019, 4:56 PM IST

जयपुर. आबादी वाले क्षेत्रों में अक्सर पैंथर घुस आने की खबरें आती रहती है. आखिर पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में क्यों रुख कर रहे हैं. इस मामले पर वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पानी और भोजन की तलाश में भटकते हुए पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं. शनिवार को जयसिंहपुरा खोर में भी पैंथर का आवागमन देखा गया था. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर की तलाश की लेकिन कहीं पर भी पैंथर नजर नहीं आया.

भोजन की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते है पैंथर

हालांकि नींबू के खेत में पैंथर के पैरों के निशान जरूर मिले थे. जिसके आधार पर वन विभाग की टीम पैंथर की तलाश में जुटी हुई है. पैंथर आने की सूचना से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग लाठियां डेंडे हाथों में लिए दिन-रात परिवारों की रक्षा कर रहे हैं. वहीं, वन कर्मियों की मानें तो पैंथर वापस जंगल में चला गया है.

पढ़ेंः महाराष्ट्र के कांग्रेस ही नहीं...शिवसेना, एनसीपी और भाजपा के विधायकों को भी राजस्थान में मिलेगी सुरक्षा : सीएम गहलोत

वहीं, राजधानी के स्मृति वन में भी 4 नवंबर को पैंथर का मूवमेंट देखा गया था. जिसके बाद से ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने स्मृति वन के गेट बंद कर दिए है. रविवार को 20 दिन से स्मृति वन में लोगों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. जिससे लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए भी काफी लोग स्मृति वन में आते है. इसी तरह पिछले दिनों आगरा रोड पर भी पैंथर को देखा गया था. जिसके बाद से वहां पर भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

पढ़ेंःकांग्रेस विधायकों के मुंबई से जयपुर आने के लिए बुक कराई गई चार्टर विमान निरस्त

पैंथर के आवागमन के मामले पर वन अधिकारी केसी मीणा का कहना है कि स्मृति वन झालाना के जंगल के बिलकुल नजदीक है. ऐसे में पैंथर को जब भूख लगती है तो वह खाने की तलाश में स्मृति वन की ओर चला जाता है. के सी मीणा का कहना है कि अभी तक इस मामले कोई जनहानी की घटना नहीं आई है.

जयपुर. आबादी वाले क्षेत्रों में अक्सर पैंथर घुस आने की खबरें आती रहती है. आखिर पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में क्यों रुख कर रहे हैं. इस मामले पर वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पानी और भोजन की तलाश में भटकते हुए पैंथर आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं. शनिवार को जयसिंहपुरा खोर में भी पैंथर का आवागमन देखा गया था. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर की तलाश की लेकिन कहीं पर भी पैंथर नजर नहीं आया.

भोजन की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते है पैंथर

हालांकि नींबू के खेत में पैंथर के पैरों के निशान जरूर मिले थे. जिसके आधार पर वन विभाग की टीम पैंथर की तलाश में जुटी हुई है. पैंथर आने की सूचना से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग लाठियां डेंडे हाथों में लिए दिन-रात परिवारों की रक्षा कर रहे हैं. वहीं, वन कर्मियों की मानें तो पैंथर वापस जंगल में चला गया है.

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वहीं, राजधानी के स्मृति वन में भी 4 नवंबर को पैंथर का मूवमेंट देखा गया था. जिसके बाद से ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने स्मृति वन के गेट बंद कर दिए है. रविवार को 20 दिन से स्मृति वन में लोगों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है. जिससे लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए भी काफी लोग स्मृति वन में आते है. इसी तरह पिछले दिनों आगरा रोड पर भी पैंथर को देखा गया था. जिसके बाद से वहां पर भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

पढ़ेंःकांग्रेस विधायकों के मुंबई से जयपुर आने के लिए बुक कराई गई चार्टर विमान निरस्त

पैंथर के आवागमन के मामले पर वन अधिकारी केसी मीणा का कहना है कि स्मृति वन झालाना के जंगल के बिलकुल नजदीक है. ऐसे में पैंथर को जब भूख लगती है तो वह खाने की तलाश में स्मृति वन की ओर चला जाता है. के सी मीणा का कहना है कि अभी तक इस मामले कोई जनहानी की घटना नहीं आई है.

Intro:आबादी क्षेत्रों में आए दिन पैंथर का मूवमेंट हो रहा है,, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है,, आखिरकार क्यों आ रहे हैं पैंथर आबादी क्षेत्रों में -देखिए खास रिपोर्ट

Body:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर में आए दिन पैंथर आबादी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं.  आखिर पैंथर आबादी क्षेत्रों में क्यों रुख कर रहे हैं . इस मामले पर वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पानी और भोजन की तलाश में भटकते हुए पैंथर आबादी क्षेत्रों में आ जाते हैं.  शनिवार को जयसिंहपुरा खोर में भी पैंथर का मूवमेंट देखा गया था.  सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैंथर की तलाश की लेकिन कहीं पर भी पैंथर नजर नहीं आया.  हालांकि नींबू के खेत में पैंथर के पगमार्क जरूर मिले थे. जिसके आधार पर वन विभाग की टीम पैंथर की तलाश में जुटी हुई है. पैंथर आने की सूचना से इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.  लोग लाठिया हाथों में लिए दिन रात परिवारों की रक्षा कर रहे हैं.  वही वन कर्मियों की मानें तो पैंथर वापस जंगल में चला गया है.  वही राजधानी जयपुर के स्मृति वन में भी  4 नवंबर से पैंथर का मूवमेंट देखा  था. जिसके बाद से ही आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने स्मृति वन के गेट बंद कर दिया है.  आज 20 दिन से स्मृति वन में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा हुआ है. जिससे लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं. सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए काफी लोग भी स्मृति वन आते है. इसी तरह पिछले दिनों आगरा रोड पर भी पैंथर को देखा गया था.  जिसके बाद से वंहा पर भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.
आखिर पैंथर आबादी क्षेत्रों में क्यों आ रहे हैं इस मामले पर वन अधिकारी केसी मीणा का कहना है . कि स्मृति वन झालाना के जंगल के बिल्कुल नजदीकी है . ऐसे में पैंथर को जब भूख लगती है तो वह खाने की तलाश में स्मृति वन की ओर चला जाता है.  के सी मीणा का कहना है कि अभी तक कोई जनहानी की घटना पैंथर की ओर से नहीं आई है।

बाईट- केसी मीणा, वन अधिकारी

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