जयपुर. राजधानी जयपुर के मोती डूंगरी इलाके में अब पैंथर (Panther) का खौफ खत्म हो गया है. करीब 11 दिन बाद वन विभाग (Forest Department) की टीम को सफलता मिल गई है. देर रात पैंथर पिंजरे में कैद हो गया. पैंथर के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग और स्थानीय लोगों को राहत की सांस मिली है. बुधवार रात 2:30 बजे पैंथर पिंजरे में कैद हो गया है.
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पिछले महीने 24 अक्टूबर को एक पैंथर झालाना जंगल से निकलकर मोती डूंगरी इलाके में आ गया था. इसके बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया. सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पैंथर को रेस्क्यू करने का प्रयास किया. पैंथर को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाया गए और पांच कैमरा ट्रैप लगाया गए. लेकिन पैंथर पकड़ में नहीं आया, कई बार पैंथर पिंजरे के आसपास मूवमेंट करके चला गया, लेकिन पिंजरे के अंदर नहीं आया. वन विभाग के अधिकारियों ने वन्यजीव पशु चिकित्सक को पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के भी आदेश दिए. लेकिन पैंथर वन विभाग की टीम को पैंथर नजर नहीं आया. वन विभाग की टीमें दिनभर पैंथर की तलाश करती रही लेकिन पैंथर पकड़ में नहीं आ सका था.
जनहानि होने की थी संभावना
पैंथर की आबादी क्षेत्र में आने से आसपास के लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ था. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में जनहानि होने की भी संभावना थी. लेकिन वन विभाग की टीम में आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पैंथर का रेस्क्यू करने का प्रयास कर रही थी. आखिरकार 11 दिन बाद झालाना रेंजर जनेश्वर चौधरी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम को सफलता मिल गई है. बुधवार देर रात करीब 2:30 बजे पैंथर पिंजरे में कैद हो गया. पैंथर को रेस्क्यू करने में वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर, फॉरेस्टर जोगेंद्र सिंह और वनरक्षक विकास मीणा के साथ वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने सफलता हासिल की है.
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डेढ़ वर्ष की मादा पैंथर
बता दें कि पैंथर को रेस्क्यू पैंथर में रखा गया है, जहां पर मेडिकल परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद स्वास्थ्य ठीक पाए जाने पर पैंथर को वापस झालाना जंगल में रिलीज कर दिया जाएगा. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो पैंथर झालाना जंगल से निकलकर मोती डूंगरी इलाके में आ गया था. मादा पैंथर की उम्र करीब डेढ़ वर्ष बताई जा रही है. अधिकारियों की मानें तो नए पैंथर अपना अलग एरिया बनाने के लिए जंगल से बाहर निकल जाते हैं, और आबादी क्षेत्रों की तरफ पहुंच जाते हैं.