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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से फिर आई बुरी खबर...अब 'जुगनू' ने छोड़ा साथ

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. पार्क में पैंथर जुगनू की मौत हो गई. पैंथर जुगनू की उम्र 17 साल बताई जा रही है. जिसको उदयपुर से जयपुर लाया गया था. पैंथर की मौत का कारण प्राकृतिक बताया जा रहा है.

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अब 'जुगनू' ने छोड़ा साथ
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Published : Nov 19, 2020, 9:45 PM IST

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार एक के बाद एक वन्यजीवों की मौत होती जा रही है. नाहरगढ़ पार्क में गुरुवार को एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. पार्क में पैंथर जुगनू की मौत हो गई. पैंथर जुगनू ने बुधवार रात को खाना भी नहीं खाया था और सुबह दम तोड़ दिया.

अब 'जुगनू' ने छोड़ा साथ

पैंथर की मौत से वन विभाग को भी सदमा लगा है. वन्यजीव प्रेमियों ने भी पैंथर की मौत को लेकर दुख जताया है. मेडिकल बोर्ड द्वारा पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. पैंथर जुगनू की उम्र 17 साल बताई जा रही है. जिसको उदयपुर से जयपुर लाया गया था. काफी समय जुगनू जयपुर जू में रहा और फिर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था. पैंथर की मौत का कारण प्राकृतिक बताया जा रहा है. वन विभाग के मुताबिक पैंथर बुजुर्ग हो गया था, जिसकी वजह से नेचुरल उसकी मौत हो गई.

बता दें कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 14 महीने में पैंथर जुगनू को मिलाकर 9 बिग केट्स की मौत हो चुकी है. ज्यादातर वन्यजीवों की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस वायरस को बताया गया था. यह वायरस नेवले और चूहे के पेशाब से फैलता है. वन्यजीवों को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन फिर भी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही.

पढ़ेंः अब नहीं सुनाई देगी 'तेजस' की दहाड़, नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तोड़ा दम

राजस्थान वन विभाग ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत पर अंकुश लगाने के लिए पंजाब वन विभाग की टीम को बुलाया और पूरे पार्क का निरीक्षण करवाया गया. पंजाब वन विभाग की टीम ने कई व्यवस्थाओं और सुविधाओं में बदलाव की सलाह दी है. जिसके आधार पर पार्क में वन्यजीवों की व्यवस्थाओं में भी बदलाव किए जाएंगे. ताकि पार्क में वन्यजीवो की मौत को रोका जा सके. गौरतलब है कि शेर तेजस, सफेद बाघ राजा, बब्बर शेर सिद्धार्थ, बाघ रुद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस की वजह से होना सामने आया. वहीं शेरनी सुजैन, बाघिन रिद्धि, सफेद बाघिन सीता की मौत केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से होना बताया गया.

इन वन्यजीवों की हो चुकी है मौत

  • 19 सितंबर 2019 को शेरनी सुजैन की मौत
  • 21 सितंबर 2019 को बाघिन रिद्धि की मौत
  • 27 सितंबर 2019 को सफेद बाघिन सीता की मौत
  • 10 जून 2020 को बाघ रुद्र की मौत
  • 11 जून 2020 को बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत
  • 4 अगस्त 2020 को सफेद बाघ राजा की मौत
  • 18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की मौत
  • 3 नवंबर 2020 को शेर तेजस की मौत
  • 19 नवंबर 2020 को पैंथर जुगनू की मौत

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगातार एक के बाद एक वन्यजीवों की मौत होती जा रही है. नाहरगढ़ पार्क में गुरुवार को एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. पार्क में पैंथर जुगनू की मौत हो गई. पैंथर जुगनू ने बुधवार रात को खाना भी नहीं खाया था और सुबह दम तोड़ दिया.

अब 'जुगनू' ने छोड़ा साथ

पैंथर की मौत से वन विभाग को भी सदमा लगा है. वन्यजीव प्रेमियों ने भी पैंथर की मौत को लेकर दुख जताया है. मेडिकल बोर्ड द्वारा पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. पैंथर जुगनू की उम्र 17 साल बताई जा रही है. जिसको उदयपुर से जयपुर लाया गया था. काफी समय जुगनू जयपुर जू में रहा और फिर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था. पैंथर की मौत का कारण प्राकृतिक बताया जा रहा है. वन विभाग के मुताबिक पैंथर बुजुर्ग हो गया था, जिसकी वजह से नेचुरल उसकी मौत हो गई.

बता दें कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 14 महीने में पैंथर जुगनू को मिलाकर 9 बिग केट्स की मौत हो चुकी है. ज्यादातर वन्यजीवों की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस वायरस को बताया गया था. यह वायरस नेवले और चूहे के पेशाब से फैलता है. वन्यजीवों को बचाने के लिए वन विभाग की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन फिर भी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही.

पढ़ेंः अब नहीं सुनाई देगी 'तेजस' की दहाड़, नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तोड़ा दम

राजस्थान वन विभाग ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों की मौत पर अंकुश लगाने के लिए पंजाब वन विभाग की टीम को बुलाया और पूरे पार्क का निरीक्षण करवाया गया. पंजाब वन विभाग की टीम ने कई व्यवस्थाओं और सुविधाओं में बदलाव की सलाह दी है. जिसके आधार पर पार्क में वन्यजीवों की व्यवस्थाओं में भी बदलाव किए जाएंगे. ताकि पार्क में वन्यजीवो की मौत को रोका जा सके. गौरतलब है कि शेर तेजस, सफेद बाघ राजा, बब्बर शेर सिद्धार्थ, बाघ रुद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस की वजह से होना सामने आया. वहीं शेरनी सुजैन, बाघिन रिद्धि, सफेद बाघिन सीता की मौत केनाइल डिस्टेंपर वायरस की वजह से होना बताया गया.

इन वन्यजीवों की हो चुकी है मौत

  • 19 सितंबर 2019 को शेरनी सुजैन की मौत
  • 21 सितंबर 2019 को बाघिन रिद्धि की मौत
  • 27 सितंबर 2019 को सफेद बाघिन सीता की मौत
  • 10 जून 2020 को बाघ रुद्र की मौत
  • 11 जून 2020 को बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत
  • 4 अगस्त 2020 को सफेद बाघ राजा की मौत
  • 18 अक्टूबर 2020 को बब्बर शेर कैलाश की मौत
  • 3 नवंबर 2020 को शेर तेजस की मौत
  • 19 नवंबर 2020 को पैंथर जुगनू की मौत
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