जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों से फीस लेना शुरू किया है. हालांकि राजधानी के कुछ प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को राहत देते हुए इस साल फीस में वृद्धि नहीं की है. लेकिन कई ऐसी संस्थान भी हैं, जहां बढ़ोतरी और कई महीनों की फीस एक साथ लेने को लेकर बवाल भी मचा हुआ है. इस बवाल के बीच ईटीवी भारत के जयपुर सिटी स्टूडियो प्राइवेट स्कूल संचालकों और पेरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े अभिभावकों के साथ पैनल डिस्कशन करेगा. लाइव देखने के लिए यहां क्लिक करें...
कोरोना के कोहराम के बीच राज्य सरकार ने बीते दिनों फैसला लेते हुए निजी स्कूल अभिभावकों से 3 महीने की अग्रिम फीस नहीं लिए जाने के निर्देश जारी किए. साथ ही स्कूलों को यथासंभव ऑनलाइन लेक्चर और ई लर्निंग की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए, ताकि पढ़ाई में निरंतरता बनी रहे. साथ ही प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को सख्त हिदायत दी कि फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम विद्यालय द्वारा नहीं काटा जाए.
ऐसे में 3 महीने तक तो प्राइवेट स्कूल संचालक शांत रहे, लेकिन अब लॉकडाउन खुलने के साथ ही अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है. इसे लेकर आए दिन प्राइवेट स्कूल संस्थान परिसर के बाहर अभिभावकों की लंबी कतार भी देखने को मिली, तो वहीं इस कोरोना काल के दौरान भी जिन स्कूलों की ओर से फीस बढ़ोतरी की गई या एक साथ कई महीनों की फीस की मांग की गई, वहां प्रदर्शनों का दौर भी देखने को मिला.
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इसे लेकर जहां इस स्कूल संचालकों का अपना तर्क है, तो वहीं अभिभावकों की मानें तो अभी व्यापार और बाजार पटरी पर नहीं लौटा है और कई कंपनीज वेतन में भी कटौती कर रहे हैं. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को भी छात्रों के हित में और अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए विचार करना चाहिए. इसी मुद्दे पर चर्चा के लिए ईटीवी भारत के जयपुर सिटी स्टूडियो प्राइवेट स्कूल संचालकों और पेरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े अभिभावकों के साथ पैनल डिस्कशन करेगा.
हालांकि कुछ प्राइवेट संस्थानों की ओर से स्कूल फीस में छूट देने के साथ-साथ इस साल फीस बढ़ोतरी भी नहीं की गई, जिसकी सराहना भी हो रही है.