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अलवर-धौलपुर पंचायत चुनाव: मंत्री टीकाराम जूली और CM गहलोत समर्थक 11 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर

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Published : Oct 29, 2021, 2:04 PM IST

अलवर और धौलपुर में जिला प्रमुख और प्रधान बनाने के लिए कांग्रेस (Congress) और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा (BJP) ने जोड़तोड़ की कवायद तेज कर दी है. दोनों जिलों में कांग्रेस के विधायकों की विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है. क्योंकि कांग्रेस के जीतने पर गहलोत (Gehlot) समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर वफादारी का इनाम मिल सकता है. भाजपा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है.

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कांग्रेस

जयपुर. पंचायत चुनाव के नतीजों में गहलोत सरकार के श्रम मंत्री टीकाराम जूली (Labor Minister Tikaram Julie) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) समर्थक 11 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. चुनाव परिणाम मंत्रियों और विधायकों के लिए खासे मायना रखता है क्योंकि मंत्रिमंडल (cabinet) के फेरबदल होने पर विधायकों को पार्टी की जीत पर मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है.

अलवर और धौलपुर में 492 पंचायत समिति (Panchayat committee) और 72 जिला परिषद सदस्यों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है. चुनावी नतीजे केवल प्रधान और प्रमुख किस पार्टी का बनता है. यही तय नहीं करेंगे, बल्कि जीतने पर विधायकों को मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है. इसिलए पंचायत चुनाव के नतीजे खासे मायने रखते हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी जिला परिषद (District Council) और पंचायत समिति सदस्यों को विधायकों की देखरेख में बाड़ेबंदी में रखा है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव मतगणना LIVE UPDATE: पंचायत समिति के इन वार्डों के परिणाम घोषित

कांग्रेस पार्टी के लिए जीत कितनी जरूरी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की बागी और निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सदस्यों को पार्टी गले लगाने के लिए तैयार है. चुनाव में हारने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति के प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा. जबकि जितने वाले प्रत्याशी 31 अक्टूबर तक बाड़ाबंदी में रहेंगे, जो उप जिला प्रमुख और उप प्रधान का चुनाव करने के बाद ही घर लौटेंगे.

जिला प्रमुख बनने पर मिल सकता है वफादारी का इनाम

जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों की मतगणना में हार-जीत का फैसला शाम तक साफ हो जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थित (Ashok Gehlot) कुल 11 विधायकों और एक मंत्री प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पंचायत चुनाव के परिणाम से तय होगा कि अलवर और धौलपुर जिले से किस विधायक को मंत्री बनाया जाएगा.

मंत्री बनने की चाहत रखने वाले विधायक

अलवर के तिजारा से संदीप यादव, किशनगढ़ बास से दीपचंद खेरिया, अलवर ग्रामीण से मंत्री टीकाराम जूली, बानसूर से शकुंतला रावत, रामगढ़ से साफिया जुबेर, कठूमर से बाबूलाल बैरवा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरी लाल मीणा, थानागाजी से निर्दलीय विधायक कांति मीणा ओर बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव की प्रतिष्ठा को दांव पर लगी है.

पढ़ें- प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर बीकानेर पहुंचे CM गहलोत, विपक्ष पर साधा निशाना

चुनाव परिणाम विधायक शकुंतला रावत, दीपचंद खेरिया ,बाबूलाल बैरवा ,संदीप यादव और जौहरी लाल मीणा के लिए मंत्री पद से दूरी और नजदीकी साबित करेंगे. वहीं धौलपुर जिले के राजाखेड़ा से विधायक रोहित बोहरा, बसेड़ी से विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और बाड़ी से विधायक गिर्राज मलिंगा की प्रतिष्ठा को दांव पर है.

चुनाव परिणामों के बीच MLA खिलाड़ी लाल बैरवा CM गहलोत से मिले

इसके साथ ही हार और जीत गिर्राज मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा के लिए मंत्री पद का रास्ता या तो खोलेगी या फिर बंद कर देगी. आपको बता दें कि नतीजों से पहले विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात भी की है. इन नेताओं में से भी मंत्री टीकाराम जूली, विधायक शकुंतला रावत, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के लिए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहेंगे.

जयपुर. पंचायत चुनाव के नतीजों में गहलोत सरकार के श्रम मंत्री टीकाराम जूली (Labor Minister Tikaram Julie) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) समर्थक 11 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. चुनाव परिणाम मंत्रियों और विधायकों के लिए खासे मायना रखता है क्योंकि मंत्रिमंडल (cabinet) के फेरबदल होने पर विधायकों को पार्टी की जीत पर मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है.

अलवर और धौलपुर में 492 पंचायत समिति (Panchayat committee) और 72 जिला परिषद सदस्यों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है. चुनावी नतीजे केवल प्रधान और प्रमुख किस पार्टी का बनता है. यही तय नहीं करेंगे, बल्कि जीतने पर विधायकों को मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है. इसिलए पंचायत चुनाव के नतीजे खासे मायने रखते हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी जिला परिषद (District Council) और पंचायत समिति सदस्यों को विधायकों की देखरेख में बाड़ेबंदी में रखा है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव मतगणना LIVE UPDATE: पंचायत समिति के इन वार्डों के परिणाम घोषित

कांग्रेस पार्टी के लिए जीत कितनी जरूरी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की बागी और निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सदस्यों को पार्टी गले लगाने के लिए तैयार है. चुनाव में हारने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति के प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा. जबकि जितने वाले प्रत्याशी 31 अक्टूबर तक बाड़ाबंदी में रहेंगे, जो उप जिला प्रमुख और उप प्रधान का चुनाव करने के बाद ही घर लौटेंगे.

जिला प्रमुख बनने पर मिल सकता है वफादारी का इनाम

जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों की मतगणना में हार-जीत का फैसला शाम तक साफ हो जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थित (Ashok Gehlot) कुल 11 विधायकों और एक मंत्री प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पंचायत चुनाव के परिणाम से तय होगा कि अलवर और धौलपुर जिले से किस विधायक को मंत्री बनाया जाएगा.

मंत्री बनने की चाहत रखने वाले विधायक

अलवर के तिजारा से संदीप यादव, किशनगढ़ बास से दीपचंद खेरिया, अलवर ग्रामीण से मंत्री टीकाराम जूली, बानसूर से शकुंतला रावत, रामगढ़ से साफिया जुबेर, कठूमर से बाबूलाल बैरवा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरी लाल मीणा, थानागाजी से निर्दलीय विधायक कांति मीणा ओर बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव की प्रतिष्ठा को दांव पर लगी है.

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चुनाव परिणाम विधायक शकुंतला रावत, दीपचंद खेरिया ,बाबूलाल बैरवा ,संदीप यादव और जौहरी लाल मीणा के लिए मंत्री पद से दूरी और नजदीकी साबित करेंगे. वहीं धौलपुर जिले के राजाखेड़ा से विधायक रोहित बोहरा, बसेड़ी से विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और बाड़ी से विधायक गिर्राज मलिंगा की प्रतिष्ठा को दांव पर है.

चुनाव परिणामों के बीच MLA खिलाड़ी लाल बैरवा CM गहलोत से मिले

इसके साथ ही हार और जीत गिर्राज मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा के लिए मंत्री पद का रास्ता या तो खोलेगी या फिर बंद कर देगी. आपको बता दें कि नतीजों से पहले विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात भी की है. इन नेताओं में से भी मंत्री टीकाराम जूली, विधायक शकुंतला रावत, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के लिए मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण रहेंगे.

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