जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को रूफटॉप प्लांट लगवाने वाले उन बिजली उपभोक्ताओं की पीड़ा (Issues regarding Rooftop solar plant raised in Assembly) उजागर हुई जिन्हें सोलर प्लांट लगाने के बावजूद डिस्कॉम से मिलने वाले बिजली के बिल में संशोधन के लिए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं. भाजपा विधायक ज्ञानचंद पारख ने शून्यकाल में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए ऊर्जा मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित किया.
पाली विधायक ने इस ध्यानाकर्षण के जरिए कहा कि पाली में जिन बिजली उपभोक्ताओं ने अपने यहां रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाया है, जिसके जरिए उत्पादित होने वाली बिजली ग्रिड के जरिए डिस्कॉम को मिलती है. लेकिन डिस्कॉम जो बिजली के बिल जारी करता है वे केवल डिस्कॉम द्वारा उपभोक्ता को दी जा रही बिजली की गणना के आधार पर करता है. जबकि उपभोक्ता सोलर प्लांट के जरिए उत्पादित बिजली ग्रिड के जरिए डिस्कॉम को लौटा रहा है. उसका समायोजन कुछ बिल में नहीं किया जा रहा.
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विधायक ने कहा उपभोक्ता को संबंधित डिस्कॉम कार्यालय में आठ से दस चक्कर लगाने पड़ते हैं. तब कहीं जाकर उसके बिल में संसोधन होता है. हालांकि ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा था कि डिस्कॉम नेट मीटरिंग के जरिए रूफटॉप सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली के समायोजन के बाद ही बिल जारी करता है, लेकिन विधायक ज्ञानचंद पारख ने कहा कि विभाग और अधिकारियों ने आपको गलत जानकारी दी है.
जयपुर की तर्ज पर जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम में करेंगे व्यवस्था: ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जयपुर डिस्कॉम में इस प्रकार की शिकायत नहीं है, लेकिन जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम में जब ऐसी शिकायतें आती हैं, तो उसमें सुधार के निर्देश भी दिए जाते हैं. मंत्री ने कहा जयपुर की तरह अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में भी सुधार के लिए सॉफ्टवेयर व अन्य प्रक्रिया से जुड़े टेंडर प्रक्रियाधीन हैं और जल्द इसमें सुधार किया जाएगा.