जयपुर. कोरोना काल के 2 साल बाद फिर से शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स (Shahi Train Palace on Wheels) शुरू हो गई है. पैलेस ऑन व्हील्स शाही ट्रेन गुरुवार को 8 देशों के 35 पर्यटकों को लेकर दिल्ली से जयपुर पहुंची. गुरुवार सुबह जयपुर में गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर पर्यटकों का राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया. पर्यटकों को तिलक लगाकर और माला पहनाकर स्वागत किया, साथ ही पर्यटन विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया.
कच्छी घोड़ी नृत्य, शहनाई वादन और कालबेलिया नृत्य के साथ पर्यटकों का मनोरंजन किया गया. शाही ट्रेन "पैलेस ऑन व्हील्स" दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शाही रेलगाड़ियों में शामिल है. पैलेस ऑन व्हील्स शाही रेलगाड़ी को राजस्थान का सांस्कृतिक दूत कहा जाता है, जो पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया में एक मिसाल है. पिछले 40 वर्षों से चल रही इस ट्रेन को 2 वर्षों के बाद फिर से शुरू किया गया है.
इन देशों के पर्यटक कर रहे यात्रा: शाही ट्रेन 'पैलेस ऑन व्हील्स' को कॉमर्शियल टूर के लिए नई दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से बुधवार रात हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन 8 देशों के 35 पर्यटकों को दिल्ली से लेकर जयपुर पहुंची. पैलेस ऑन व्हील्स में भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के 7-7 पर्यटक, कनाडा के 4 पर्यटक, मॉरीशस के 3 पर्यटक, फ्रांस के 3 पर्यटक, न्यूजीलैंड के 2 पर्यटक और आयरलैंड के एक पर्यटक शामिल हैं.
1982 के बाद लगातार चल रही ये ट्रेन: राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के मुताबिक पैलेस ऑन व्हील्स 1982 से लगातार चल रही थी, 2020 में कोविड के कारण इस ट्रेन को बंद कर दिया गया था. पूरे विश्व में 10 लग्जरी ट्रेनों में 9 अभी तक कोविड के बाद से नहीं चल पाई है. पैलेस ऑन व्हील्स का दोबारा संचालन हमारे लिए गर्व की बात है. इससे आने वाले दिनों में पर्यटन क्षेत्र और मजबूती के साथ उभरेगा. उन्होंने कहा कि शाही रेल में राजस्थान की हेरिटेज और सांस्कृतिक परम्परा को देखकर देश-विदेश के पर्यटक रोमांचित हो जाते हैं. इस ट्रेन में आधुनिक साज-सज्जा और सभी पर्यटक सुख-सुविधाओं का समावेश किया गया है. यह शाही रेलगाड़ी पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान की पुरानी हवेलियां, गढ़, किले और रेगिस्तान के साथ लोक कलाएं, हस्तशिल्प की दुनिया भर में खास पहचान करवाती है.
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पहली शाही ट्रेन 1982 में शुरू हुई: प्रथम शाही रेल वर्ष 1982 में प्रारंभ हुई थी. रेलवे की ओर से समय-समय पर रेल की गेज परिवर्तन के फलस्वरूप मीटर गेज से ब्रॉड गेज ट्रेन वर्ष 1991 में दूसरी और 1995 में तीसरी शाही रेल का निर्माण किया गया. शाही रेलगाड़ी का सात दिवस का दिल्ली और आगरा के अलावा राजस्थान के खूबसूरत शहरों जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, भरतपुर का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है.
35 देसी विदेशी यात्रियों के साथ पर्यटन टूर शुरू: आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया कि शाही ट्रेन अपने पहले कमर्शियल सफर पर 35 देसी विदेशी यात्रियों को सात दिवसीय पर्यटन टूर के लिए रवाना हुई है. ट्रेन का सितंबर 2022 से अप्रैल 2023 का किराया सुपर डीलक्स प्रति केबिन प्रति रात्रि 1560 यूएस डॉलर, सिंगल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 945 यूएस डॉलर, डबल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 578 यूएस डॉलर.
साथ ही ऐसे यात्री जिनके पास इंडियन पासपोर्ट है, उनके लिए सितंबर 2022 से अप्रैल 2023 माह का किराया सुपर डीलक्स प्रति केबिन प्रति रात्रि 1,15,440 रुपये, सिंगल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति रात्रि 69,930 रुपए, डबल ऑक्युपेंसी प्रति यात्री प्रति यात्री किराया 42,772 रुपए रखा गया है. इसी तरह अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 माह का किराया प्रति रात्रि प्रति सुपर डीलक्स केबिन का 1,53,846 रुपए, सिंगल ऑक्युपेंसी प्रति रात्रि प्रति यात्री किराया 85,470 रुपए, डबल ऑक्युपेंसी प्रति रात्रि प्रति यात्री किराया 55,574 रुपए रखा गया है.
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उन्होंने बताया कि राजस्थान के गौरवशाली इतिहास के दर्शन कराती इस शाही रेल का सफर देशी और विदेशी पर्यटकों को आनंदित करता है. यहां पर पर्यटक अपने आप को राजसी माहौल में पाता है. इसमें आवभगत, स्वादिष्ट व्यंजन और पर्यटन निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा भावना और अतिथि सत्कार को देखकर पर्यटक रोमांचित होते हैं.