जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की मेडिसिन ऑक्सीजन पर निर्भरता बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. जिसके मद्देनजर राज्य के नगरीय निकाय अपने-अपने संसाधनों से और निजी संस्थाओं की ओर से ऑक्सीजन गैस संयंत्र स्थापित किए जाने के संबंध में, तकनीकी और सुरक्षात्मक प्रावधानों के प्रचलित नियमों के अनुसार निकाय स्तर से सुनिश्चित किए जाने पर सक्षम स्तर से अनुमोदन के बाद व्यापक जनहित में छूट प्रदान करेगी.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार मेडिकल आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट कृषि/ अकृषि भूमि पर स्थापित किए जाने के लिए प्रभावी एवं ड्राफ्ट मास्टर प्लान के सभी भू उपयोग में अनुज्ञेय होंगे. मेडिकल आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट स्थापित किए जाने के लिए राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 90ए के आवेदन के साथ भूमि अवाप्ति में न होने, कोर्ट में वाद लंबित न होने, भूमि का टाइटल निर्विवादित होने, भूमि प्रतिबंधित श्रेणी में न होने के लिए शपथ पत्र लिया जाएगा.
शपथ के आधार पर 90ए का आदेश जारी किया जाएगा. भूमि संबंधित निकाय के नाम दर्ज कर नियमानुसार लेआउट प्लान अनुमोदित कर जारी किया जाएगा. अनुमोदन के बाद शपथ पत्र में अंकित तथ्यों को गलत पाए जाने की स्थिति में अनुमोदन स्वतः निरस्त माना जाएगा. मेडिकल आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट स्थापित किए जाने के लिए भवन विनियम 2020 के अंतर्गत भवन मानचित्र शुल्क में 100% छूट प्रदान की गई है.
आपको बता दें कि मेडिकल आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन गैस प्लांट स्थापित किए जाने के लिए सभी क्षेत्रफल के पट्टे विलेख संबंधित निकाय स्तर पर ही जारी किए जाएंगे. राज्य सरकार से अलग से स्वीकृति आवश्यक नहीं होगी. राजस्थान नगरीय क्षेत्र नियम 2012 के नियम 10 के अंतर्गत देय प्रीमियम में शत-प्रतिशत छूट और नियम 20 के अंतर्गत लीज राशि में छूट के संबंध में पृथक से अधिसूचना जारी की जा रही है. सभी नगरीय निकाय को महामारी की गंभीरता को देखते हुए 7 कार्य दिवस में कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं.