जयपुर. प्रदेश के विधायक और हारे हुए विधायक प्रत्याशियों के टिकट के लिए सिंबल की मांग पर कांग्रेस के निवर्तमान महासचिव गिरिराज गर्ग की अध्यक्षता में धरने पर बैठे हैं. राजस्थान में कोटा, जोधपुर और जयपुर नगर निगम में नामांकन की आखिरी तारीख 19 अक्टूबर है, लेकिन इसी बीच टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी में महाभारत शुरू हो गई है.
जिस निजी होटल में कांग्रेस के कोऑर्डिनेटर और पर्यवेक्षक रुके हुए हैं उसके बाहर कांग्रेस के निवर्तमान महासचिव गिरराज गर्ग अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए हैं. धरने पर बैठे गिरिराज गर्ग ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में 8 में से 5 सीटें कांग्रेस पार्टी ने जीती थी और 3 सीटों पर कांग्रेस को हार मिली थी. उसके बावजूद भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 7 विधायकों को हार मिली. अब हारे हुए सभी प्रत्याशी नगर निगम चुनाव में प्रेशर बना रहे हैं कि उन्हें सीधे सिंबल दे दिए जाएं. जबकि जिन लोगों ने कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर 30 से 40 साल तक काम किया है उन लोगों की इन चुनाव में उपेक्षा की जा रही है और परिवारवाद के तहत चहेतों को टिकट देने की तैयारी की जा रही है.
गर्ग ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बुरी तरीके से हारने वाले नेता यह कह रहे हैं कि हम चुनाव जीता देंगे तो यह कैसे संभव है. गर्ग का कहना है कि कार्यकर्ताओं को क्यों उपेक्षित किया जा रहा है जो कार्यकर्ता लगातार सालों से कांग्रेस के लिए काम कर रहा है. उस को टिकट नहीं दिया जाएगा तो वह कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से वह कांग्रेस के पर्यवेक्षक और कोऑर्डिनेटर से मिल रहे हैं, लेकिन उन्हें यह कोई आश्वासन नहीं दिया गया कि उनके साथ जस्टिस होगा. ऐसे में मजबूरन आज उन्हें इस धरने पर बैठना पड़ा है और एक ही मांग है कि उन कार्यकर्ताओं को टिकट दी जाए जो लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं और पार्टी को जिताने के लिए खून पसीना बहाते हैं.
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उन्होंने कहा कि जो नेता खुद चुनाव हार रहे हैं वह चुनाव जिताने की गारंटी किस तरीके से दे सकते हैं इसी तरीके से दो बार लगातार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके सुशील शर्मा ने कहा कि अभी टिकट फाइनल नहीं हुए हैं लेकिन जैसा दो बार पहले हो चुका है वैसा ही कुछ इस बार भी होता हुआ दिखाई दे रहा है.