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सतीश पूनिया को भी गुजरना होगा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से, तभी बनेंगे 'निर्वाचित' प्रदेश अध्यक्ष

निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सतीश पूनिया को राजस्थान भाजपा की कमान तो दे दी. लेकिन प्रदेश भाजपा के मुखिया यानी सतीश पूनिया को भी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा, तभी उन्हें निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष का तमगा मिल सकेगा.

jaipur news, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया
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Published : Sep 18, 2019, 6:19 PM IST

जयपुर. प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं. आंतरिक लोकतंत्र का दम भरने वाली भाजपा ने बूथ से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक के लिए संगठन चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. सतीश पूनिया खाली पड़े भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दे दी गई है.

सतीश पूनिया को भी गुजरना होगा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से

लेकिन पूनिया फिलहाल मनोनीत प्रदेशाध्यक्ष हैं और निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पूनिया को भी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से गुजरना ही होगा. प्रदेश भाजपा संगठनात्मक चुनाव के लिए बनाए गए सह चुनाव अधिकारी कैलाश मेघवाल के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा.

पढ़ें : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन कुर्सी अब तक क्यों है खाली...?

संगठनात्मक चुनाव की ये है प्रक्रिया...
भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव मंडल अध्यक्ष द्वारा जिला अध्यक्ष और प्रदेश प्रतिनिधि का चुनाव होता है. यही जिला अध्यक्ष और हर जिले से चुने गए प्रदेश प्रतिनिधि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं. मतलब इस साल नवंबर के पहले सप्ताह में होने वाले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के संगठनात्मक चुनाव में सतीश पूनिया को निर्वाचन के दौर से गुजरना होगा. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश से चुने गए राष्ट्रीय प्रतिनिधि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना मत दे सकेंगे.

बहरहाल, भाजपा एक अनुशासित पार्टी है. ऐसे में संगठनात्मक चुनाव के दौरान जिस नेता का मनोनयन किया गया है वो नेता ही आगे जाकर आम सहमति से निर्वाचित होता है. मतलब मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ही नवंबर में आम सहमति से प्रदेश के निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष बनेंगे. लेकिन एक आम कार्यकर्ता की तरह उन्हें भी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा. जिससे पार्टी के भीतर का आंतरिक लोकतंत्र भी कायम रहे.

जयपुर. प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं. आंतरिक लोकतंत्र का दम भरने वाली भाजपा ने बूथ से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक के लिए संगठन चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. सतीश पूनिया खाली पड़े भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दे दी गई है.

सतीश पूनिया को भी गुजरना होगा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से

लेकिन पूनिया फिलहाल मनोनीत प्रदेशाध्यक्ष हैं और निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पूनिया को भी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से गुजरना ही होगा. प्रदेश भाजपा संगठनात्मक चुनाव के लिए बनाए गए सह चुनाव अधिकारी कैलाश मेघवाल के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा.

पढ़ें : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन कुर्सी अब तक क्यों है खाली...?

संगठनात्मक चुनाव की ये है प्रक्रिया...
भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव मंडल अध्यक्ष द्वारा जिला अध्यक्ष और प्रदेश प्रतिनिधि का चुनाव होता है. यही जिला अध्यक्ष और हर जिले से चुने गए प्रदेश प्रतिनिधि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं. मतलब इस साल नवंबर के पहले सप्ताह में होने वाले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के संगठनात्मक चुनाव में सतीश पूनिया को निर्वाचन के दौर से गुजरना होगा. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश से चुने गए राष्ट्रीय प्रतिनिधि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना मत दे सकेंगे.

बहरहाल, भाजपा एक अनुशासित पार्टी है. ऐसे में संगठनात्मक चुनाव के दौरान जिस नेता का मनोनयन किया गया है वो नेता ही आगे जाकर आम सहमति से निर्वाचित होता है. मतलब मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ही नवंबर में आम सहमति से प्रदेश के निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष बनेंगे. लेकिन एक आम कार्यकर्ता की तरह उन्हें भी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा. जिससे पार्टी के भीतर का आंतरिक लोकतंत्र भी कायम रहे.

Intro:(Special story)
सतीश पूनिया को भी गुजरना होगा संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से तभी बनेंगे 'निर्वाचित' प्रदेश अध्यक्ष

पूनिया अभी मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष नवम्बर के पहले सप्ताह में होंगे निर्वाचित अध्यक्ष

जयपुर (इंट्रो)
निकाय चुनाव से पहले भाजपा ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सतीश पूनिया को राजस्थान भाजपा की कमान तो सलाह दी लेकिन प्रदेश भाजपा के मुखिया यानी सतीश पूनिया को भी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा तभी उन्हें मिल सकेगा निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष का तमगा।

(Vo1)
प्रदेश भाजपा में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। आंतरिक लोकतंत्र का दम भरने वाली भाजपा ने बूथ से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक के लिए संगठन चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। सतीश पूनिया खाली पड़े भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभला दी गई गई लेकिन पूनिया फिलहाल मनोनीत प्रदेशाध्यक्ष है और निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पूनिया को भी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया से गुजरना ही होगा। प्रदेश भाजपा संगठनात्मक चुनाव के लिए बनाए गए सह चुनाव अधिकारी कैलाश मेघवाल के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा।

बाईट-कैलाश मेघवाल,सह चुनाव अधिकारी,भाजपा

(Vo2) संगठनात्मक चुनाव की है ये प्रक्रिया-

भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक संगठनात्मक चुनाव मंडल अध्यक्ष द्वारा जिला अध्यक्ष और प्रदेश प्रतिनिधि का चुनाव होता हैं और यही जिला अध्यक्ष और हर जिले से चुने गए प्रदेश प्रतिनिधि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं। मतलब इस साल नवम्बर के पहले सप्ताह में होने वाले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के संगठनात्मक चुनाव में सतीश पूनिया को निर्वाचन के दौर से गुजरना होगा। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश से चुने गए राष्ट्रीय प्रतिनिधि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना मत दे सकेंगे।

बाईट-कैलाश मेघवाल,सह चुनाव अधिकारी,भाजपा

(Vo3)
बहरहाल भाजपा एक अनुशासित पार्टी है ऐसे में संगठनात्मक चुनाव के दौरान जिस नेता का मनोनयन किया गया है वो नेता ही आगे जाकर आम सहमति से निर्वाचित होता है। मतलब मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ही नवम्बर में आम सहमति से प्रदेश के निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष बनेंगे, लेकिन एक आम कार्यकर्ता की तरह उन्हें भी संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया से गुजरना होगा जिससे पार्टी के भीतर का आंतरिक लोकतंत्र भी कायम रहे।

(Edited vo pkg)


Body:(Edited vo pkg)


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