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परिवहन विभाग की ओर से निजी सेंटरों से फिटनेस का कार्य कराने का विरोध - RTO Jaipur Decision on fitness

परिवहन विभाग जयपुर की ओर से फिटनेस कार्य को निजी सेंटर को सौंपे जाने के निर्णय के साथ ही जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ ने विरोध शुरू कर दिया है. इसके लिए महासंघ के संयोजक ने प्रेस वार्ता की और इस निर्णय को गलत बताया. साथ ही सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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निजी सेंटरों से वाहन फिटनेस का कार्य कराने का विरोध
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Published : Jan 16, 2020, 11:48 PM IST

जयपुर. जयपुर परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस कार्य निजी सेंटर को सौंपे जाने के निर्णय के बाद जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ इसके विरोध में उतर आया है. इसे लेकर जवाहर नगर स्थित एक निजी होटल में जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने प्रेस वार्ता भी की. जिसमें उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जगतपुरा में फिटनेस कार्य को बंद कर निजी हाथों में सौंपा जाना काफी निराशाजनक है.

निजी सेंटरों से वाहन फिटनेस का कार्य कराने का विरोध

जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने बताया कि परिवहन विभाग ने जगतपुरा फिटनेस सेंटर से फिटनेस का कार्य बंद करके खुद निजी सेंटर को सौंप रही है, जो कि बहुत दी खेदपूर्ण निर्णय है. वहीं विभाग अपने पूर्व आदेशों को वापस लेकर ट्रांसपोटर्स के साथ दमनकारी नीति अपनाई जा रही है. उनका कहना रहा कि सरकार के इस निर्णय से वाहन ऑपरेटरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया. इसके बाद भी अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन खड़ा करना पड़ा महंगा, 150 से ज्यादा वाहनों के कटे चालान

बता दें कि वाहन फिटनेस सेंटर वर्तमान में ट्रांसपोर्ट नगर से 35 किलोमीटर दूर है. ऐसे में आने जाने में करीब 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा. वहीं फिटनेस लेने के लिए दूसरे दिन जाना पड़ेगा. इस प्रकार एक फिटनेस कराने पर करीबन 5 हजार रुपए अलग से खर्च करने पड़ेंगे. वहीं प्राइवेट सेंटर पर फिटनेस कराने में राज्य सरकार को करीब 1150 प्रति वाहन फीस मिलेगी. ऐसे में 150 वाहन प्रतिदिन फिटनेस होने पर 1 लाख 72 हजार 500 रुपए एक दिन में राज्य सरकार को नुकसान होगा तो वहीं पूरे साल में 5 करोड़ 17 लाख 50 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा.

जयपुर. जयपुर परिवहन विभाग की ओर से फिटनेस कार्य निजी सेंटर को सौंपे जाने के निर्णय के बाद जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ इसके विरोध में उतर आया है. इसे लेकर जवाहर नगर स्थित एक निजी होटल में जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने प्रेस वार्ता भी की. जिसमें उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जगतपुरा में फिटनेस कार्य को बंद कर निजी हाथों में सौंपा जाना काफी निराशाजनक है.

निजी सेंटरों से वाहन फिटनेस का कार्य कराने का विरोध

जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ के संयोजक अनिल आनंद ने बताया कि परिवहन विभाग ने जगतपुरा फिटनेस सेंटर से फिटनेस का कार्य बंद करके खुद निजी सेंटर को सौंप रही है, जो कि बहुत दी खेदपूर्ण निर्णय है. वहीं विभाग अपने पूर्व आदेशों को वापस लेकर ट्रांसपोटर्स के साथ दमनकारी नीति अपनाई जा रही है. उनका कहना रहा कि सरकार के इस निर्णय से वाहन ऑपरेटरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया. इसके बाद भी अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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बता दें कि वाहन फिटनेस सेंटर वर्तमान में ट्रांसपोर्ट नगर से 35 किलोमीटर दूर है. ऐसे में आने जाने में करीब 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा. वहीं फिटनेस लेने के लिए दूसरे दिन जाना पड़ेगा. इस प्रकार एक फिटनेस कराने पर करीबन 5 हजार रुपए अलग से खर्च करने पड़ेंगे. वहीं प्राइवेट सेंटर पर फिटनेस कराने में राज्य सरकार को करीब 1150 प्रति वाहन फीस मिलेगी. ऐसे में 150 वाहन प्रतिदिन फिटनेस होने पर 1 लाख 72 हजार 500 रुपए एक दिन में राज्य सरकार को नुकसान होगा तो वहीं पूरे साल में 5 करोड़ 17 लाख 50 हजार रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा.

Intro:जयपुर. जयपुर परिवहन विभाग द्वारा फिटनेस कार्य निजी सेंटर को सौंपे जाने के निर्णय के बाद जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ इसके विरोध में उतर आया है. इसको लेकर जवाहर नगर स्थित एक निजी होटल में जयपुर कॉमर्शियल वाहन के संयोजक अनिल आनंद ने प्रेसवार्ता भी की. जिसमें उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जगतपुरा फिटनेस कार्य को बंद कर निजी हाथों में सौंपा जाना काफी निराशाजनक है.


Body:जयपुर कॉमर्शियल वाहन के संयोजक अनिल आनंद ने बताया कि परिवहन विभाग जगतपुरा फिटनेस सेंटर से फिटनेस का कार्य बंद करके खुद निजी सेंटर को सौंप रही है जो कि बहुत दी खेद पूर्ण निर्णय है. वही विभाग अपने पूर्व आदेशो को वापस लेकर ट्रांसपोटर्स के साथ दमनकारी नीति अपनाई जा रही है. सरकार के इस निर्णय से वाहन ऑपरेटरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया. इसके बाद भी अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.

बता दे कि वाहन सेंटर वर्तमान ट्रांसपोर्ट नगर से 35 किलोमीटर दूर है. ऐसे में आने जाने में 70 किलोमीटर पड़ेगा. वही फिटनेस लेने के लिए दूसरे दिन जाना पड़ेगा. इस प्रकार एक फिटनेस कराने पर करीबन 5 हजार रुपये अलग से खर्च करने पड़ेंगे. वही प्राइवेट सेंटर पर फिटनेस कराने में राज्य सरकार को करीब 1150 प्रति वाहन फीस मिलेगी. ऐसे में 150 वाहन प्रतिदिन फिटनेस होने पर 1 लाख 72 हजार 500 रुपये एक दिन में राज्य सरकार को नुकसान होगा. तो वही पूरे साल में 5 करोड़ 17 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में सरकार को 5 करोड़ का रेवन्यू होता है लेकिन फिटनेस सेंटर के केवल 1 करोड़ रुपये ही प्राप्त होता है.

बाइट- अनिल आनंद, संयोजक, जयपुर कॉमर्शियल वाहन महासंघ


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