जयपुर. विपक्ष ने सदन में जो हंगामा किया वह पूरी तरह से प्री प्लानिंग था. पहले से ही तय कर इस तरह से हंगामा किया जाता है. नेता प्रतिपक्ष को बोलने की व्यवस्था देने के बावजूद भी बीजेपी ने हंगामा किया. यह कहना है सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह का.
भरत सिंह ने कहा कि विपक्ष इस तरह से हंगामा कर राजनीति क्यों कर रहा है यह तो विपक्ष ही बता सकता है, लेकिन यह गलत है. सदन में जिस गंभीरता के साथ मुद्दे उठाने जाने चाहिए वह भाजपा नहीं कर रही. इससे आम जनता को निराशा होती है और मुझे भी भाजपा का हंगामा देखकर निराशा हुई. जिस मुद्दे पर हंगामा हुआ उसी मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष को बोलने की इजाजत भी दी गई. इसके बाद हंगामे का कोई कारण नहीं रह जाता. हंगामा तभी होता है जब आप तय कर लेते हो हंगामा करना है. भाजपा का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था और उसी के अनुसार सदन में हंगामा किया गया.
किसान कानून को लेकर भरत सिंह ने कहा कि किसानों का तो प्रधानमंत्री ने सत्यानाश कर दिया और इस संबंध में उन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है. प्रधानमंत्री खुद मन की बात करते हैं लेकिन दूसरों की मन की बात नहीं सुनते. सदन में विपक्ष की भूमिका नकारात्मक है. राहुल गांधी सही कह रहे हैं कि जो कृषि कानून लाए गए हैं वह किसानों के हित में नहीं है. इतना विरोध होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री काले कानून वापस नहीं ले रहे.
पर्ची व्यवस्था को लेकर भरत सिंह ने कहा कि अध्यक्ष ने जो किया वह बिल्कुल सही है. इतने सालों से यह व्यवस्था नहीं थी मैंने भी ऑनलाइन प्रश्न लगाने की कोशिश की लेकिन मेरा प्रश्न नहीं लगा. यह अध्यक्ष की व्यवस्था है उसके बारे में मैं कुछ भी नहीं कह सकता.
कोटा में आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर भरत सिंह ने कहा कि यह हमला किसी आरएसएस कार्यकर्ता पर नहीं था यह व्यक्तिगत रंजिश थी, जिसे लेकर सदन में भी हंगामा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा भी करा सकते हैं.
बलवान पूनिया की ओर से सदन में किसानों का मुद्दा उठाने के मामले में भरत सिंह ने कहा कि एक आदमी भी किसानों के समर्थन में विरोध करता है तो वह भी महत्वपूर्ण है. बलवान पूनिया ने भी यह मुद्दा सदन में उठाया. यह संदेश है और इसे प्रधानमंत्री को सुनना ही चाहिए.