जयपुर. प्रदेश में राजफैड की ओर से समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 27 अक्टूबर से शुरू किया (Online registration for selling crops at MSP) जाएगा. 879 खरीद केन्द्रों पर मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की 1 नवम्बर से तथा 18 नवम्बर से मूंगफली खरीद की जाएगी. यह जानकारी शुक्रवार को सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना दी.
आंजना ने बताया कि मूंग के लिए 363, उड़द के लिए 166, मूंगफली के लिए 267 एवं सोयबीन के लिए 83 खरीद केन्द्र खोले गए हैं. जिसमें से 419 केन्द्र क्रय-विक्रय सहकारी समितियों तथा 460 ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर बनाए गए हैं. आंजना ने बताया कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र एवं खरीद केन्द्रों पर सुबह 9 बजे से सायं 7 बजे तक की गई है.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की ओर से राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग का खरीद का लक्ष्य 3 लाख 2 हजार 745 मीट्रिक टन, उड़द का 62 हजार 508 मीट्रिक टन, मूंगफली का 4 लाख 65 हजार 565 मीट्रिक टन तथा सोयाबीन का 3 लाख 61 हजार 790 मीट्रिक टन दिया गया है. मूंग का समर्थन मूल्य 7755 रुपए, उड़द का 6600, मूंगफली का 5850 एवं सोयाबीन का 4300 रुपए प्रति क्विंटल एफएक्यू श्रेणी का घोषित किया गया है.
मंत्री ने बताया कि किसान को जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी एवं बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड करनी होगी. जो किसान बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाएगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं होगा. उन्होंने बताया कि ई-मित्र केन्द्र भी समर्थन मूल्य योजना में किसानों का पंजीयन पूर्ण सावधानी से करें और तहसील से बाहर पंजीयन नहीं करें. उन्होंने बताया कि किसान एक जनआधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी होगी, उसके नाम से एक पंजीयन करवा सकेगा. जिस तहसील में कृषि भूमि है, उसी तहसील के कार्यक्षेत्र वाले खरीद केन्द्र पर उपज बेचान के लिए पंजीकरण कराएं. दूसरी तहसील में पंजीकरण मान्य नहीं होगा.
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आंजना ने बताया कि किसान पंजीयन कराते समय यह सुनिश्चित कर लें कि पंजीकृत मोबाइल नम्बर से जनआधार कार्ड से लिंक हो. जिससे समय पर तुलाई तिथि की सूचना मिल सके. किसान अपना वह बैंक खाता संख्या दें, जो एक्टिव हो, जिससे ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो. उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 27 अक्टूबर से हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6001 शुरू कर दिया जाएगा.