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ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस: कोविड-19 के निदान में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका पर होगी चर्चा

जयपुर में कोरोना महामारी को देखते हुए 2 जून को एक ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. कॉन्फ्रेंस में विषय विशेषज्ञों द्वारा नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी जैसे मॉडर्न टूल्स के संयोजन से इस महामारी को कैसे रोका जा सकता है. इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी.

Discussion on diagnosis of covid-19, कोरोना में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका
ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का होगा आयोजन
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Published : May 31, 2020, 12:17 AM IST

जयपुर. दुनिया भर में चल रही कोविड-19 महामारी को देखते हुए राजधानी जयपुर की मणिपाल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के फिजिक्स डिपार्टमेंट में 2 जून को एक ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है.

Discussion on diagnosis of covid-19, कोरोना में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका
ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का होगा आयोजन

"वर्तमान महामारी और एक भौतिकी विज्ञानी प्रतिक्रिया" शीर्षक पर आधारित इस कांफ्रेंस में भारतीय और वैश्विक वैज्ञानिक, भौतिकविद, संरचनात्मक विज्ञानविद, सेंसर प्रौद्योगिकीविद, बायोटेक्नोलॉजिस्ट और मॉडलिंग विशेषज्ञ कोविड-19 महामारी से निपटने और इसके संभावित समाधानों के बारे में चर्चा करेंगे.

पढ़ेंः कोटा: टिड्डी दल कर्मिकों की निगरानी के विरोध में शिक्षक संघ ने CM गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा

ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2 जून को सुबह 9:15 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक आयोजित की जाएगी. इस कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए किसी प्रकार का पंजीकरण शुल्क भी नहीं रखा गया है. ऑनलाइन कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता अमेरिका के ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. उस्मान के वर्गीज नैनोस्केल सेमीकंडक्टिंग मेंटेरियल के माध्यम से इस महामारी की निदान पर चर्चा करेंगे.

सेमीकंडक्टिंग मेटेरियल की भागीदारी के कारण चिकित्सा की दुनिया में भौतिक विज्ञानी के दृष्टिकोण को शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अन्य विदेशी विश्वविद्यालयों और भारत के प्रमुख संस्थानों से भी वक्ता इस कांफ्रेंस में शामिल होंगे.

ऑनलाइन कांफ्रेंस का उद्देश्य और बायोफिजिक्स में निहित उन संभावनाओं का पता लगाना है, जो इस महामारी से मुकाबला करने और जागरूकता लाने में मदद कर सकती है. कॉन्फ्रेंस में विषय विशेषज्ञों द्वारा नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी जैसे मॉडर्न टूल्स के संयोजन से इस महामारी को कैसे रोका जा सकता है. इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी.

छात्रों के लिए सर्वोत्तम शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं के साथ ही मुख्य लक्ष्य मानव और समाज की बेहतरी एवं विशेष रूप से हमारी दैनिक जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए मैटेरियल साइंस और नैनो विज्ञान का उपयोग करना है. विज्ञान छात्रों को ऐसे शोध में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना है, जो वैश्विक समुदाय के लिए लाभदायक है.

पढ़ें- कोटपूतली में मोटर गैराज राज्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक, पेयजल सहित कई मसलों पर हुई चर्चा

प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी

जयपुर. देशभर में प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी है. सरकार के निर्देशों के बाद राजस्थान रोडवेज भी प्रवासियों को घर तक पहुंचाने का काम कर रही है. रोडवेज की ओर से श्रमिक स्पेशल बसों का संचालन भी लगातार जारी है. राजस्थान रोडवेज ने लॉकडाउन के दौरान अब तक 2.54 लाख लोगों को घर तक पहुंचाने का काम किया है.

प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी, Migrant workers continue to flee
प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी

राजस्थान रोडवेज की ओर से संचालित की जा रही श्रमिक स्पेशल बस सेवा के तहत शनिवार को श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए 9 बसों का संचालन किया गया.

राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन के मुताबिक शनिवार शाम तक 9 श्रमिक स्पेशल बसों का संचालन कर 322 प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भेजा गया. इसके साथ ही बाहरी राज्यों से प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को रोडवेज बसों द्वारा राजस्थान लाया गया.

राजस्थान रोडवेज की श्रमिक स्पेशल बस सेवा 18 मई से लगातार जारी है. श्रमिक स्पेशल बसों के द्वारा श्रमिकों को विभिन्न राज्यों में पहुंचाया जा रहा है और राजस्थानी प्रवासियों को अन्य राज्यों से विभिन्न जिलों में उनके घर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

श्रमिक स्पेशल बसों द्वारा 18 मई से अब तक 23 हजार 699 श्रमिकों को अन्य राज्यों में पहुंचाया गया है और 2974 राजस्थानी प्रवासी श्रमिकों को राज्य के विभिन्न जिलों में उनके घर तक पहुंचाया गया है. राजस्थान रोडवेज की ओर से 29 मई तक राजस्थान की सीमा से 28 हजार 373 लोगों को लाकर विभिन्न जिलों में पहुंचाया गया.

विभिन्न जिलों से सीमा पर 1 लाख 9 हजार 300 प्रवासियों को बसों से पहुंचाया गया. साथ ही ट्रेनों से राजस्थान आने वाले 69 हजार 57 लोगों को उनके घर तक पहुंचाया गया है. राज्य के विभिन्न जिलों से 47 हजार 459 लोगों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने का काम किया गया है.

पढ़ेंः राशन डीलरों ने दुकान खोलने में जताई असमर्थता, अब तक 45 दुकानों के लाइसेंस निलंबित

मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा दौसा, अजमेर, बारा, बीकानेर और अलवर से हुई रवाना

मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा, Moksha Kalash Special Free Bus Service
मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा

राजस्थान रोडवेज की ओर से मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा का संचालन किया जा रहा है. मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा शनिवार को दौसा, अजमेर, बारा, बीकानेर और अलवर से रवाना की गई. मोक्ष कलश यात्रा स्पेशल निशुल्क बस सेवा के तहत दोसा से 30, अजमेर से 90, बारा से 30, बीकानेर से 90, और अलवर से 30 कुल मिलाकर 270 यात्री और 135 मोक्ष कलश हरिद्वार भिजवाए गए. राजस्थान रोडवेज की मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा की 3 बसों को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और बीकानेर कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने हरी झंडी दिखाकर बीकानेर से हरिद्वार के लिए रवाना किया.

जयपुर. दुनिया भर में चल रही कोविड-19 महामारी को देखते हुए राजधानी जयपुर की मणिपाल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के फिजिक्स डिपार्टमेंट में 2 जून को एक ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है.

Discussion on diagnosis of covid-19, कोरोना में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका
ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का होगा आयोजन

"वर्तमान महामारी और एक भौतिकी विज्ञानी प्रतिक्रिया" शीर्षक पर आधारित इस कांफ्रेंस में भारतीय और वैश्विक वैज्ञानिक, भौतिकविद, संरचनात्मक विज्ञानविद, सेंसर प्रौद्योगिकीविद, बायोटेक्नोलॉजिस्ट और मॉडलिंग विशेषज्ञ कोविड-19 महामारी से निपटने और इसके संभावित समाधानों के बारे में चर्चा करेंगे.

पढ़ेंः कोटा: टिड्डी दल कर्मिकों की निगरानी के विरोध में शिक्षक संघ ने CM गहलोत के नाम ज्ञापन भेजा

ऑनलाइन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2 जून को सुबह 9:15 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक आयोजित की जाएगी. इस कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए किसी प्रकार का पंजीकरण शुल्क भी नहीं रखा गया है. ऑनलाइन कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता अमेरिका के ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. उस्मान के वर्गीज नैनोस्केल सेमीकंडक्टिंग मेंटेरियल के माध्यम से इस महामारी की निदान पर चर्चा करेंगे.

सेमीकंडक्टिंग मेटेरियल की भागीदारी के कारण चिकित्सा की दुनिया में भौतिक विज्ञानी के दृष्टिकोण को शामिल करना बेहद महत्वपूर्ण है. इसके अलावा अन्य विदेशी विश्वविद्यालयों और भारत के प्रमुख संस्थानों से भी वक्ता इस कांफ्रेंस में शामिल होंगे.

ऑनलाइन कांफ्रेंस का उद्देश्य और बायोफिजिक्स में निहित उन संभावनाओं का पता लगाना है, जो इस महामारी से मुकाबला करने और जागरूकता लाने में मदद कर सकती है. कॉन्फ्रेंस में विषय विशेषज्ञों द्वारा नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी जैसे मॉडर्न टूल्स के संयोजन से इस महामारी को कैसे रोका जा सकता है. इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी.

छात्रों के लिए सर्वोत्तम शिक्षा और अनुसंधान सुविधाओं के साथ ही मुख्य लक्ष्य मानव और समाज की बेहतरी एवं विशेष रूप से हमारी दैनिक जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए मैटेरियल साइंस और नैनो विज्ञान का उपयोग करना है. विज्ञान छात्रों को ऐसे शोध में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना है, जो वैश्विक समुदाय के लिए लाभदायक है.

पढ़ें- कोटपूतली में मोटर गैराज राज्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक, पेयजल सहित कई मसलों पर हुई चर्चा

प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी

जयपुर. देशभर में प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी है. सरकार के निर्देशों के बाद राजस्थान रोडवेज भी प्रवासियों को घर तक पहुंचाने का काम कर रही है. रोडवेज की ओर से श्रमिक स्पेशल बसों का संचालन भी लगातार जारी है. राजस्थान रोडवेज ने लॉकडाउन के दौरान अब तक 2.54 लाख लोगों को घर तक पहुंचाने का काम किया है.

प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी, Migrant workers continue to flee
प्रवासी श्रमिकों का पलायन लगातार जारी

राजस्थान रोडवेज की ओर से संचालित की जा रही श्रमिक स्पेशल बस सेवा के तहत शनिवार को श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए 9 बसों का संचालन किया गया.

राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन के मुताबिक शनिवार शाम तक 9 श्रमिक स्पेशल बसों का संचालन कर 322 प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भेजा गया. इसके साथ ही बाहरी राज्यों से प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को रोडवेज बसों द्वारा राजस्थान लाया गया.

राजस्थान रोडवेज की श्रमिक स्पेशल बस सेवा 18 मई से लगातार जारी है. श्रमिक स्पेशल बसों के द्वारा श्रमिकों को विभिन्न राज्यों में पहुंचाया जा रहा है और राजस्थानी प्रवासियों को अन्य राज्यों से विभिन्न जिलों में उनके घर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

श्रमिक स्पेशल बसों द्वारा 18 मई से अब तक 23 हजार 699 श्रमिकों को अन्य राज्यों में पहुंचाया गया है और 2974 राजस्थानी प्रवासी श्रमिकों को राज्य के विभिन्न जिलों में उनके घर तक पहुंचाया गया है. राजस्थान रोडवेज की ओर से 29 मई तक राजस्थान की सीमा से 28 हजार 373 लोगों को लाकर विभिन्न जिलों में पहुंचाया गया.

विभिन्न जिलों से सीमा पर 1 लाख 9 हजार 300 प्रवासियों को बसों से पहुंचाया गया. साथ ही ट्रेनों से राजस्थान आने वाले 69 हजार 57 लोगों को उनके घर तक पहुंचाया गया है. राज्य के विभिन्न जिलों से 47 हजार 459 लोगों को रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने का काम किया गया है.

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मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा दौसा, अजमेर, बारा, बीकानेर और अलवर से हुई रवाना

मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा, Moksha Kalash Special Free Bus Service
मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा

राजस्थान रोडवेज की ओर से मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा का संचालन किया जा रहा है. मोक्ष कलश स्पेशल निशुल्क बस सेवा शनिवार को दौसा, अजमेर, बारा, बीकानेर और अलवर से रवाना की गई. मोक्ष कलश यात्रा स्पेशल निशुल्क बस सेवा के तहत दोसा से 30, अजमेर से 90, बारा से 30, बीकानेर से 90, और अलवर से 30 कुल मिलाकर 270 यात्री और 135 मोक्ष कलश हरिद्वार भिजवाए गए. राजस्थान रोडवेज की मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा की 3 बसों को ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और बीकानेर कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने हरी झंडी दिखाकर बीकानेर से हरिद्वार के लिए रवाना किया.

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