जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में डिजिटल खाई को समाप्त करने पर बल दिया है. जिससे ऑनलाइन शिक्षा का व्याहारिक लाभ सभी को समान रूप से मिल सके. वे सोमवार को दिल्ली स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस तथा इंस्टीटूयूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (मूक्स) और ई-लर्निंग के शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में वर्चुअली संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है. शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ हो सके, इस उद्देश्य से नई शिक्षा नीति में ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है. पहले की शिक्षा प्रणाली मूल रूप से सीखने और परिणाम देने पर केंद्रित थी. विद्यार्थियों का आंकलन, प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता था, जो विद्यार्थियों के विकास के लिए एकल दिशा वाला दृष्टिकोण था. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में ऐसी संरचना पर बल दिया गया है जो छात्रों को सीखने के विभिन्न चरणों में मदद करेगी.
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राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि ‘मूक्स’ वेब-आधारित मुफ्त दूरस्थ शिक्षा का ऐसा कार्यक्रम है, जो शिक्षा के क्षेत्र में भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करता है. मूक्स और ई लर्निंग से नई शिक्षा नीति के संदर्भ में सर्वसुलभ ऑनलाइन शिक्षा के नए द्वार खुलेंगे.
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कोरोना काल में शिक्षण-प्रशिक्षण के स्वरूप में आया बदलाव
मिश्र ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षण-प्रशिक्षण के स्वरूप में काफी बदलाव देखने को मिला है. ऑनलाइन माध्यम से गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्वयं, दीक्षा जैसे प्लेटफार्म विकसित करने के प्रयास सराहनीय हैं. भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन सचिव मुकुल कानिटकर ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के दौर में डिजिटल दुरुपयोग को रोकना भी बड़ी चुनौती है.
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय व न्यायिक अकादमी, असम के कुलपति प्रो. वीके आहूजा, इंस्टीटूयूशन ऑफ एमिनेंस दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो. महाराज के. पंडित, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ऑनलाइन शिक्षा के विकास के संबंध में विचार व्यक्त किए.