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लॉरेंस बिश्नोई ने मांगी वापस तिहाड़ भेजने की मंजूरी, कोर्ट ने जेल अधीक्षक को दिया आदेशों की पालना का निर्देश - लॉरेंस बिश्नोई

जयपुर के बिल्डर से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने और धमकाने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) को वापस तिहाड़ जेल भेजने की मंजूरी से जुड़े मामले में कोर्ट ने आईओ को कहा है कि वे इस संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करवाएं.

Lawrence Bishnoi, Jaipur news
लॉरेंस बिश्नोई की याचिका पर सुनवाई
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Published : Oct 4, 2021, 10:43 PM IST

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 महानगर प्रथम ने जयपुर के बिल्डर से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने और धमकाने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को वापस तिहाड़ जेल भेजने की मंजूरी से जुड़े मामले में जयपुर जेल अधीक्षक को दिशा-निर्देश दिए हैं. इस मामले के आईओ को कहा है कि वे इस संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करवाएं. कोर्ट ने यह आदेश लॉरेन्स के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए दिया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसके खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई झूठी एफआईआर हैं. पटियाला हाउस नई दिल्ली में भी उसके खिलाफ केस लंबित हैं. वहीं मोकोका एक स्पेशल एक्ट है और इस एक्ट के तहत चल रहे मुकदमों के निस्तारण के लिए अन्य किसी मुकदमे में प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे में उसे इस कोर्ट की न्यायिक अभिरक्षा में रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसके अलावा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी लंबित केसों में कहा था कि उसे जिस जगह से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है.

यह भी पढ़ें. REET Paper Leak मामला : राजस्थान हाईकोर्ट में 6 अक्टूबर को होगी याचिका पर सुनवाई, सीबीआई जांच की है मांग

अनुसंधान के बाद उसे फिर से उसी जगह पर न्यायिक हिरासत में भिजवाया जाए. जिसका कोर्ट ने निपटारा करते हुए कहा कि मौजूदा मामले में अनुसंधान लंबित है और प्रार्थी ने अपनी सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. ऐसे में जेल अधीक्षक को पालना के लिए आदेश की कॉपी भेजी जाए और आईओ को आदेशों की पालना के लिए पाबंद किया जाए.

जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-7 महानगर प्रथम ने जयपुर के बिल्डर से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने और धमकाने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को वापस तिहाड़ जेल भेजने की मंजूरी से जुड़े मामले में जयपुर जेल अधीक्षक को दिशा-निर्देश दिए हैं. इस मामले के आईओ को कहा है कि वे इस संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करवाएं. कोर्ट ने यह आदेश लॉरेन्स के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए दिया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसके खिलाफ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कई झूठी एफआईआर हैं. पटियाला हाउस नई दिल्ली में भी उसके खिलाफ केस लंबित हैं. वहीं मोकोका एक स्पेशल एक्ट है और इस एक्ट के तहत चल रहे मुकदमों के निस्तारण के लिए अन्य किसी मुकदमे में प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे में उसे इस कोर्ट की न्यायिक अभिरक्षा में रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसके अलावा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी लंबित केसों में कहा था कि उसे जिस जगह से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है.

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अनुसंधान के बाद उसे फिर से उसी जगह पर न्यायिक हिरासत में भिजवाया जाए. जिसका कोर्ट ने निपटारा करते हुए कहा कि मौजूदा मामले में अनुसंधान लंबित है और प्रार्थी ने अपनी सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. ऐसे में जेल अधीक्षक को पालना के लिए आदेश की कॉपी भेजी जाए और आईओ को आदेशों की पालना के लिए पाबंद किया जाए.

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