जयपुर. सतीश पूनिया ने अवैध बजरी खनन को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि बजरी राजस्थान की रेवेन्यू का एक बड़ा सोर्स है, लेकिन पिछले कुछ सालों में अवैध खनन बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हुआ, जिसने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है.
पढ़ें : Rajasthan Bird Flu Update: 181 पक्षियों की हुई प्रदेशभर में मौत, कुल आंकड़ा पहुंचा 6093
पूनिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछली सरकार के दौरान विपक्ष में रहते हुए इस पर बहुत कड़े तरीके से प्रहार किया और बड़ा अफसोस जाहिर किया था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उन्हीं की संरक्षण में बजरी का अवैध खनन हो रहा है और कानून-व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है. पूनिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की समिति ने जिस तरीके की रिपोर्ट दी है, राज्य सरकार को चाहिए कि वो उसको समय पर अमल में लाएं और अवैध खनन पर अंकुश लगाकर प्रदेश की जनता को राहत दे.
सरकार की सरपंचों पर अनैतिक अंकुश लगाने की मंशा...
सरपंचों द्वारा प्रदेशभर में पंचायत मुख्यालयों पर तालाबंदी को लेकर पूनिया ने कहा कि सरपंचों की मांग जायज है, क्योंकि इससे पहले पारदर्शी तरीके से पंचायतों के खाते में सीधा पैसा आता था और वो विकास के कामों में लेते थे. इस सरकार ने एक किस्म से तुगलकी फरमान जारी किया और पीडी खाते (Personal Deposit Account) के जरिये फिर उनको अपने प्रस्ताव देने पड़ेंगे और उसके बाद फिर उसका भुगतान होगा. यानी एक किस्म से सरकार की मंशा सरपंचों पर एक तरीके का अनैतिक अंकुश लगाने की है. पूनिया ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जनहित में और ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सरकार को ये निर्णय वापस लेना चाहिए.
पढ़ें : पायलट सहित अन्य की याचिका खारिज करवाने वाली अर्जी पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली
भाजपा की पूरी कोशिश है उपचुनाव जीतने की...
पूनिया ने आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर कहा कि चार उपचुनाव होंगे, जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. भाजपा की पूरी कोशिश है कि अच्छी रणनीति, प्रचार-प्रसार एवं पूरी तैयारी के साथ चारों उपचुनाव जीतेंगे. इसके लिए पार्टी ने प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी है. इसको लेकर मैं सालासर बालाजी के दर्शन कर सुजानगढ़ का दौरा कर चुका हूं और अब श्रीनाथ जी के दर्शन कर राजसमंद एवं सहाड़ा के दौरे पर कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से संवाद करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो बड़ी घटनाएं घटित हुई हैं. हमारे साथी विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत का निधन एवं कुशलगढ़ के लगभग 15 प्रवासी बंधुओं की अकाल मृत्यु के कारण अपने सभी स्वागत कार्यक्रम स्थगित कर दिया.