जयपुर. राजस्थान में कोरोना संक्रमण के मरीज मिलने का सिलसिला तेज होता जा रहा है. कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के आज बुधवार को 23 नए मामले मिले हैं. इनमें सबसे ज्यादा 10 मरीज अजमेर में (Omicron Case in Ajmer) मिले हैं. जयपुर में 9 नए मामले सामने आए हैं. ऐसे में राजस्थान में ओमीक्रोन के खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी को लेकर सीएम ने एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा की है.
चिकित्सा विभाग के अनुसार अजमेर में कोरोना के ओमिक्रोन वेरियंट (Omicron case in Rajasthan today) के 10, जयपुर में 9, भीलवाड़ा में दो और जोधपुर और अलवर में एक-एक मरीज मिला है. इनमें से चार लोग विदेश यात्रा से लौटे हैं. जबकि तीन लोग विदेशी यात्रियों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं. ताजा संक्रमित मिले मरीजों में दो लोग अन्य राज्यों की यात्रा कर लौटेहैं. इनके संपर्क में आने वाले दो अन्य लोग भी संक्रमित पाए गए हैं. जबकि एक व्यक्ति पूर्व में ओमिक्रोन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुआ है. जबकि 10 मरीजों की कोई कॉन्टेक्ट हिस्ट्री अभी तक नहीं मिली है. इन सभी 22 मरीजों को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करते हुए डेडिकेटेड ओमिक्रोन वार्ड में आइसोलेट किया जा रहा है.
देश में 805 केस, राजस्थान चौथे स्थान पर
राजस्थान में ओमीक्रोन के अब तक 70 मामले मिल चुके हैं. आज 23 मामले सामने आए हैं. इस लिहाज से राजस्थान ओमीक्रोन केस के मामले में चौथा सबसे बड़ा राज्य बन गया है. देश में ओमीक्रोन के 805 केस सामने आ चुके हैं. दिल्ली में 238, महाराष्ट्र में 167 और गुजरात में 73 केस सामने आए हैं.
जयपुर में ओमीक्रोन विस्फोट
राजस्थान में राजधानी जयपुर से ओमीक्रोन के मामले लगातार सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं. जयपुर में ओमीक्रोन के केस 39, अजमेर में 17, सीकर और उदयपुर में 4-4, भीलवाड़ा में 2 और अलवर जोधपुर में 1-1 केस सामने आए हैं.
कोरोना वैक्सीन है कारगर
राजस्थान में अब तक 70 मरीज ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित पाए जा चुके हैं. ओमीक्रोन पर कोरोना वैक्सीन का असर (Effect of corona vaccine on Omicron) क्या पड़ रहा है, इस सवाल के जवाब में जयपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ सुधीर भंडारी ने दावा किया है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके व्यक्ति को अगर संक्रमण अपनी चपेट में ले भी लेता है तो उसमें माइल्ड सिम्टम्स ही क्रिएट होंगे. वैक्सीन की दोनों डोज लगे हुए मरीज को क्रिटिकल या आईसीयू में भर्ती करने की नौबत नहीं आएगी.
राजस्थान में बच्चों के टीकाकरण की तैयारी
राजस्थान की बात की जाए तो चिकित्सा विभाग ने बच्चों के टीकाकरण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है और अनुमानित तौर पर प्रदेश में 51 लाख से अधिक बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है. बीते कुछ समय से प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम ने रफ्तार पकड़ी है और केंद्र की ओर से बच्चों को वैक्सीन लगाने की बात कही गई है, ऐसे में चिकित्सा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है, वैक्सीनेशन से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर राजस्थान में मौजूद है तो ऐसे में बच्चों को वैक्सीनेट करने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.
स्कूल और हर घर दस्तक अभियान
15 से 18 वर्ष की आयु के अधिकतर बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं तो ऐसे में बच्चों को स्कूल में वैक्सीनेट करने की तैयारी है. इसके अलावा हाल ही में हर घर दस्तक अभियान भी चिकित्सा विभाग की ओर से शुरू किया गया है जिसमें घर-घर जाकर वैक्सीन लगाई जा रही है और ऐसे में पढ़ाई छोड़ चुके ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 15 से 18 वर्ष है उन्हें हर घर दस्तक अभियान के तहत भी वैक्सीन लगाई जाएगी.
डरबन से हुई रिसर्च से राहत
ओमीक्रोन को लेकर दुनिया भर में लगातार रिसर्च हो रहे हैं. अब तक मिले रिसर्च के नतीजों से लोग चिंतित हैं. इस चिंता के बीच दक्षिण अफ्रीका में हुए रिसर्च ने राहत दी है. डरबन स्थित अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक, कोरोना वायरस वैरिएंट ओमीक्रोन की चपेट में आने के बाद पुराने डेल्टा स्ट्रेन (delta strain) के खिलाफ इम्युनिटी मजबूत हो सकती है. इसके साथ ही गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों एलेक्स सीगल और खदिजा खान की अगुआई किए गए शोध में यह दावा किया गया है कि ओमीक्रोन के संक्रमण के दो सप्ताह बाद स्ट्रेन के खिलाफ इम्युनिटी 14 गुना बढ़ जाती है. इसके अलावा डेल्टा से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है. रिसर्च पेपर में यह बताया गया है कि ओमीक्रोन से संक्रमित व्यक्ति के खतरनाक डेल्टा वैरिएंट से दोबारा संक्रमित होने की आशंका कम हो जाती है.