जयपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान से राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर ने राज्यसभा में पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के पुनर्भरण का मुद्दा उठाया है. इस मामले को उठाते हुए ओम प्रकाश माथुर ने केंद्र सरकार के पास विचाराधीन जवाई बांध पुनर्भरण की योजना को स्वीकृति देने का आग्रह किया है.
माथुर ने सदन में कहा कि, साल 1957 में जवाई बांध के निर्माण के बाद से ये 8 या 10 बार ही भरा है. जब भी ये पूर्ण रूप से भरा है तब इससे पीने के पानी के अतिरिक्त अवशेष पानी को सिंचाई के रूप में दिया जाता है. लेकिन आजादी के बाद से अधिकतर ये बांध खाली ही रहा. जिससे किसान की भूमि प्यासी रह जाती है और हर साल किसानों को सिंचाई जल के लिए आंदोलन करना पड़ता है.
माथुर ने कहा कि पाली, जालौर और सिरोही जिले पेयजल और सिंचाई के लिए पूरी तरह जवाई बांध पर निर्भर हैं. क्षेत्र के किसानों के आंदोलन स्वरूप ही साल 2014 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद 'घर घर नल-हर खेत को पानी' देने की योजना शुरू की गई. जिसके बाद इस विषय पर भी विशेष तौर पर ध्यान देते हुए जल आयोग को निर्देशित किया गया कि, जवाई बांध पुनर्भरण योजना शुरू की जाए.
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ओम प्रकाश माथुर ने बताया कि, इस योजना को दो चरणों में पूरी किया जाना था. दोनों चरणों में कुल 6 हजार 521 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत आनी है. वर्तमान में परियोजना की संशोधित पीएफआर केंद्रीय जल आयोग के पास अंतर राज्य परिपेक्ष में परीक्षण आधीन है और इस संबंध में राजस्थान और गुजरात के संबंधित अधिकारियों की एक बैठक 26 जून 2020 को हो चुकी है. माथुर ने सरकार से आग्रह किया कि, इस महत्वपूर्ण योजना पर गंभीरता से विचार करते हुए जल्द से जल्द इसकी स्वीकृति प्रदान करें. ताकि जालौर, पाली और सिरोही की पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान हो सके.