जयपुर. देशभर में 22 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था. ऐसे में अब अनलॉक भी चल रहा है और अनलॉक के दौरान भी राजस्थान रोडवेज को यात्री नहीं मिल रहे हैं. जहां राजस्थान रोडवेज में लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को अपने घर पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तो वहीं अब रोडवेज के अधिकारियों पर बड़े सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान रोडवेज के पास कुल 4,300 बसें हैं, लेकिन निजी बस संचालकों को फायदा पहुंचाने के लिए रोडवेज प्रशासन के द्वारा मात्र 100 बसे संचालित की जा रही है.
लेकिन रोडवेज बसों में भी सवारी नहीं मिल रही है. ऐसे में जिन रूट पर बसों को रोडवेज प्रशासन को चलाना चाहिए. उस रूट पर रोडवेज प्रशासन बसों को नहीं चला रहा. ऐसे में रोडवेज प्रशासन पर कई तरह के बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि रोडवेज प्रशासन यदि अपनी पूरी बसों को संचालित करता है, तो रोडवेज प्रशासन की आय में भी बढ़ोतरी होगी.
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बता दें राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से अभी तक पूरी बसों को नहीं चलाया गया. इसके चलते रोडवेज के राजस्व को नुकसान हो रहा है. वहीं रोडवेज प्रशासन कर्मचारियों को बैठे तनख्वाह भी दे रहा है. ऐसे में रोडवेज प्रशासन को दोगुना नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. ऐसे में निजी बस संचालकों की ओर से अपनी सभी बसों को हर रूट पर चलाया भी जा रहा है. ऐसे में रोडवेज की आय में नुकसान हो रहा है और निजी बस संचालक इसका फायदा भी उठा रहे हैं.
निजी बस संचालक चला रहे हैं 30 हजार बस
रोडवेज प्रशासन के द्वारा 4,300 बसों में से मात्र 15 सौ बसों का संचालन किया जा रहा है. दूसरी ओर निजी बस संचालक इसका जमकर फायदा भी उठा रहे हैं. क्योंकि निजी बस संचालक पूरे प्रदेश भर में करीब 30 हजार बसों का संचालन कर रहे हैं. ऐसे में जिन रूट पर रोडवेज की बस नहीं जा पा रही है. उस रोड पर निजी बस संचालक जमकर सवारियों को भरकर ले जा रहे हैं.