जयपुर. आगामी 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के सत्र में इस बार जनता से जुड़े मुद्दे कम ही उठ पाएंगे. जी हां सदन के भीतर अपने क्षेत्र की आवाज उठाने वाले विधायक ही अब तक मौजूदा सत्र को लेकर सवाल लगाने में पीछे नजर आ रहे हैं. आलम यह है विधानसभा के 200 सदस्यों में से गिने चुने विधायकों ने ही अब तक सवाल लगाए हैं. अब तक करीब 300 प्रश्न ही लगाए गए हैं.
ये जानकारी भाजपा विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने दी. दरअसल रामलाल शर्मा विधानसभा में अपना प्रश्न लगाने के लिए गए थे. इस दौरान जब उन्होंने प्रश्न शाखा में बैठे अधिकारियों से अब तक लगे प्रश्न की जानकारी ली, तो सामने आया कि महज कुछ ही विधायकों ने 300 सवाल लगाए हैं. अब विधायक शर्मा का कहना है कि सवाल नहीं लगाने वाले अधिकतर विधायक कांग्रेस के हैं, जो जैसलमेर में बाड़ेबंदी में मौजूद हैं.
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खैर विधानसभा का सत्र काफी महत्वपूर्ण होता है. उसमें यदि आपके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की आवाज उठाने के लिए संबंधित सवाल नहीं लगाता है, तो यह चिंता का विषय भी है. नियमानुसार प्रत्येक विधायक को अधिकतम 30 प्रश्न लगाने की छूट है. जिसमें 10 प्रश्न तारांकित और 20 प्रश्न अतारांकित लगाने की छूट है.
अब यदि विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद में शामिल सदस्यों को छोड़कर अन्य विधायकों की संख्या देखें तो डेढ़ सौ से ऊपर होती है, वह भी यदि 30-30 प्रश्न लगाए तो संख्या साढे़ 4 हजार से ऊपर बैठती है. अब तक सत्र को लेकर लगाए गए सवालों की संख्या तो यही बताती है कि इस बार विधायकों की अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाने को लेकर रुचि कम ही है, जो इस बात का संकेत है कि इस सदन में हंगामा तो होगा, लेकिन जनता से जुड़ी समस्या या मुद्दों को लेकर नहीं बल्कि सियासी खींचतान को लेकर.