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लॉकडाउन के बाद मानसिक रोगियों की संख्या में हो सकता है इजाफाः मनोरोग चिकित्सक

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Published : May 20, 2020, 6:44 PM IST

कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान लोगों में किस तरह के मानसिक अवसाद पैदा हो रहे हैं, इसे लेकर जयपुर के ईएसआई अस्पताल की ओर से एक सर्वे शुरू किया गया है. वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि लॉकडाउन के बाद मानसिक रोग से जुड़े मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.

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मानसिक रोगी की संख्या में हो सकता है इजाफा

जयपुर. देशभर में कोरोना जैसी घातक बीमारी लगातार अपने पैर पसार रही है. इस दौरान कोरोना से ही नहीं बल्कि अब मानसिक परेशानियों से जुड़े मामले भी सामने आने लगे हैं, जो एक बेहद गंभीर समस्या आने वाले समय में हो सकती है.

मानसिक रोगी की संख्या में हो सकता है इजाफा

कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान लोगों में किस तरह के मानसिक अवसाद पैदा हो रहे हैं, इसे लेकर जयपुर के ईएसआई अस्पताल की ओर से एक सर्वे शुरू किया गया है. ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक और नोडल ऑफिसर डॉक्टर अखिलेश जैन की देखरेख में यह सर्वे किया जा रहा है.

पढ़ें- लॉकडाउन में बिजली के औसत बिलों ने बढ़ाई परेशानी, लेकिन उपभोक्ताओं को मिला 'तकनीक' का सहारा

डॉक्टर अखिलेश ने बताया, कि सर्वे में करीब 700 लोगों को शामिल किया गया है और कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में लोगों में किस तरह के मानसिक विकार उत्पन्न हो रहे हैं इसका अध्ययन किया जा रहा है. इस सर्वे के शुरुआती आंकड़े काफी चौंकाने वाले आए हैं. डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों में मानसिक और भावनात्मक बदलाव आए हैं.

मानसिक रोगी की संख्या में हो सकता है इजाफा

जैन का कहना है कि इसके तहत लोगों में चिंता, असमंजस, घबराहट, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा और अनिश्चितता जैसी भावनात्मक समस्याएं देखने को मिली है. डॉ जैन ने यह भी अंदेशा जताया है कि जैसे ही कोरोना का संक्रमण कम होगा और लॉकडाउन खत्म होगा, इसके बाद मानसिक रोग से जुड़े मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.

क्या है कारण...

डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एक अलग तरह का ही तनाव लोगों में उत्पन्न हो रहा है क्योंकि काफी लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस स्थिति का सामना नहीं किया और अचानक आई इस परिस्थिति से वे तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं.

पढ़ें- बिहार के प्रवासी मजदूर नहीं जा पा रहे अपने घर, कारण...बिहार सरकार से परमिशन का 'ना' होना

इस दौरान लोगों के मन में अनचाहे खयाल और अनिश्चितता पैदा हो रही है. यही नहीं कोरोना के इस संक्रमण के बाद वे किस तरह अपना जीवन शुरू करेंगे इसे लेकर भी लोगों के मन में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है. हालांकि लॉकडाउन के चलते और अस्पतालों में एक कोरोना के संक्रमण के डर से इस तरह के मरीज ऑनलाइन ही चिकित्सकों से परामर्श भी ले रहे हैं.

किस तरह बचें मानसिक विकार से...

डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है, कि ऐसे समय में आप अपने अन्य शौक जैसे पेंटिंग, स्टोरी राइटिंग या अन्य कोई भी शौक से जुड़ जाएं. इससे ना केवल आप में आत्मविश्वास पैदा होगा बल्कि मन में आने वाले गलत विचारों पर भी अंकुश लगेगा. अगर आप इस दौरान किसी मानसिक तनाव से पीड़ित है तो उस समय आप योगा और मेडिटेशन से जरूर जुड़ें.

उन्होंने कहा कि यह ना केवल शारीरिक रूप से आपको आत्मबल देगा बल्कि तनाव पर काबू करने पर भी मददगार साबित होगा. खास तौर पर इस दौरान भावनात्मक परेशानियों से बचने के लिए किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहे क्योंकि इस तरह की घटना मानव इतिहास में पहले भी आई है.

जयपुर. देशभर में कोरोना जैसी घातक बीमारी लगातार अपने पैर पसार रही है. इस दौरान कोरोना से ही नहीं बल्कि अब मानसिक परेशानियों से जुड़े मामले भी सामने आने लगे हैं, जो एक बेहद गंभीर समस्या आने वाले समय में हो सकती है.

मानसिक रोगी की संख्या में हो सकता है इजाफा

कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान लोगों में किस तरह के मानसिक अवसाद पैदा हो रहे हैं, इसे लेकर जयपुर के ईएसआई अस्पताल की ओर से एक सर्वे शुरू किया गया है. ईएसआई अस्पताल के वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक और नोडल ऑफिसर डॉक्टर अखिलेश जैन की देखरेख में यह सर्वे किया जा रहा है.

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डॉक्टर अखिलेश ने बताया, कि सर्वे में करीब 700 लोगों को शामिल किया गया है और कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में लोगों में किस तरह के मानसिक विकार उत्पन्न हो रहे हैं इसका अध्ययन किया जा रहा है. इस सर्वे के शुरुआती आंकड़े काफी चौंकाने वाले आए हैं. डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों में मानसिक और भावनात्मक बदलाव आए हैं.

मानसिक रोगी की संख्या में हो सकता है इजाफा

जैन का कहना है कि इसके तहत लोगों में चिंता, असमंजस, घबराहट, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा और अनिश्चितता जैसी भावनात्मक समस्याएं देखने को मिली है. डॉ जैन ने यह भी अंदेशा जताया है कि जैसे ही कोरोना का संक्रमण कम होगा और लॉकडाउन खत्म होगा, इसके बाद मानसिक रोग से जुड़े मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.

क्या है कारण...

डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एक अलग तरह का ही तनाव लोगों में उत्पन्न हो रहा है क्योंकि काफी लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस स्थिति का सामना नहीं किया और अचानक आई इस परिस्थिति से वे तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं.

पढ़ें- बिहार के प्रवासी मजदूर नहीं जा पा रहे अपने घर, कारण...बिहार सरकार से परमिशन का 'ना' होना

इस दौरान लोगों के मन में अनचाहे खयाल और अनिश्चितता पैदा हो रही है. यही नहीं कोरोना के इस संक्रमण के बाद वे किस तरह अपना जीवन शुरू करेंगे इसे लेकर भी लोगों के मन में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है. हालांकि लॉकडाउन के चलते और अस्पतालों में एक कोरोना के संक्रमण के डर से इस तरह के मरीज ऑनलाइन ही चिकित्सकों से परामर्श भी ले रहे हैं.

किस तरह बचें मानसिक विकार से...

डॉक्टर अखिलेश जैन का कहना है, कि ऐसे समय में आप अपने अन्य शौक जैसे पेंटिंग, स्टोरी राइटिंग या अन्य कोई भी शौक से जुड़ जाएं. इससे ना केवल आप में आत्मविश्वास पैदा होगा बल्कि मन में आने वाले गलत विचारों पर भी अंकुश लगेगा. अगर आप इस दौरान किसी मानसिक तनाव से पीड़ित है तो उस समय आप योगा और मेडिटेशन से जरूर जुड़ें.

उन्होंने कहा कि यह ना केवल शारीरिक रूप से आपको आत्मबल देगा बल्कि तनाव पर काबू करने पर भी मददगार साबित होगा. खास तौर पर इस दौरान भावनात्मक परेशानियों से बचने के लिए किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहे क्योंकि इस तरह की घटना मानव इतिहास में पहले भी आई है.

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