जयपुर. शहर के परकोटे में चलने वाली ई-रिक्शा जयपुर शहर वासियों की लाइफ लाइन कहीं जाती हैं. वहीं शहर में सबसे सस्ता और इको फ्रेंडली पब्लिक ट्रांसपोर्ट ई रिक्शा इस समय बिना प्लान के शहर में चल रहा है, जो कि सफल भी नहीं हो पा रहा है.
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ऐसे में राजधानी में 5 साल पहले जहां 4000 ई-रिक्शा थी, तो वहीं अब उनकी संख्या बढ़कर 25000 से अधिक तक भी पहुंच चुकी है. इनकी संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यह है, कि कोविड-19 के बाद हजारों लोग बेरोजगार हो गए है और उन्होंने अपनी जीविका चलाने के लिए ई रिक्शा को नया साधन बनाया और कोविड-19 के बाद राजधानी में करीब 8000 ई-रिक्शा अचानक से बढ़ गए. जिसके बाद परिवहन विभाग ई-रिक्शा को लेकर चेता है.
बता दें कि करीब 18 हजार से ज्यादा ई रिक्शे परकोटे और आसपास के क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं. 2 साल पहले विभाग ने शहर में 24000 ई रिक्शा को 8 जॉन में संचालित करने की योजना बनाई थी. जोन और ई रिक्शा को परमिट जारी करना था, लेकिन शहर में साढ़े 14000 ई रिक्शा के पास आज तक लाइसेंसी नहीं है. 1 साल पहले तक करीब 800 चालकों के लर्निंग लाइसेंस बनाए थे, लेकिन स्थाई लाइसेंस का सॉफ्टवेयर नहीं होने के कारण सभी के लाइसेंस एक्सपायर हो गए.
अब परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नए कलर कोड के साथ संचालित करने के दिशा निर्देश दिए है. अब 8 जोन के बजाय 12 जून में ई-रिक्शा को कलर कोड के साथ बांटा जाएगा और फिर चलाए जाएंगे. सभी जोन में अलग-अलग रंग की पट्टियां के लिए बनाए जाने की योजना भी है. वहीं परकोटे में ई रिक्शा की संख्या क्या कम हो सकती है. बाहरी इलाके जैसे झोटवाड़ा, कालवाड़ रोड सांगानेर प्रताप नगर सीतापुर से दादी का फाटक मुरलीपुरा स्कीम रोड जगतपुरा के आसपास के एरिया में ई रिक्शा चलाएंगे.
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आरटीओ को 4 सीरीज में निकालने थे ई रिक्शा
परिवहन विभाग की ओर से ई रिक्शा के लिए 4 सीरीज दी गई थी. चारों सीरीज में तैयारी रिक्शा को संचालित करना था, लेकिन आरटीओ की ओर से 4 साल में केवल अभी तक एक सीरीज जारी की गई है, वहीं दूसरी सीरीज के गिने-चुने ई-रिक्शा बाजार में आए हैं.