जयपुर. NUHM संविदाकर्मियों ने समान कार्य-समान वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. संविदाकर्मियों ने स्वास्थ्य भवन के सामने प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए. उनकी मांग है कि उनको समान कार्य-समान वेतन मिले और सभी कार्मिकों को नियमित किया जाए. स्वास्थ्य संबंधित राष्ट्रीय और राज्य कार्यक्रम की रिपोर्टिंग, लाइन लिस्टिंग और मॉनिटरिंग की बागडोर एनयूएचएम के संविदाकर्मियों के कंधों पर होती है.
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संविदा कार्मिक संघ की प्रदेश महिला प्रभारी अनुपमा पारीक ने कहा कि कांग्रेस ने 2018 में अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि संविदा कार्मिकों का नियमितीकरण कर उनकी समस्याओं का उचित समाधान किया जाएगा. लेकिन सरकार बनने के बाद इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
सरकार ने केवल कमेटियों का गठन कर संविदा कार्मिकों को गुमराह किया है. कार्यकारिणी के प्रदेश अध्यक्ष जेपी भारद्वाज और अनुपमा पारीक ने मांग की है कि नियमितीकरण के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट आने तक समान कार्य-समान वेतन लागू किया जाए. राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत पब्लिक हेल्थ मैनेजर, अकाउंटेंट कम डीईओ और जिला स्तर पर लगे एग्जीक्यूटिव ऑपरेटर की तरफ से समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया गया. लेकिन सरकार ने इसके बाद भी मांगों पर ध्यान नहीं दिया.
जिससे अल्प मानदेय पर काम करने वाले संविदाकर्मी मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित होता नजर आ रहा है. संविदाकर्मियों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सभी कार्मिक अपनी जान की परवाह किए बगैर नाम मात्र के मानदेय पर पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं. संविदा कार्मिकों ने प्रदेश सरकार की ओर से जब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक प्रदेश स्तरीय संगठन के बैनर तले अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं.