जयपुर. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर अब प्रदेश में (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) एनएसयूआई केंद्र की नई शिक्षा नीति व निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी. गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर एनएसयूआई की ओर से कहा गया कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा के हालात बहुत खराब हुए हैं. गरीब तबके का बच्चा शिक्षा से दूर हो रहा है. इस संबंध में एनएसयूआई प्रदेश में हर स्तर पर आन्दोलन कर विरोध जताएगी.
एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस है. इस अवसर पर एनएसयूआई ने तय किया है कि प्रदेश में केंद्र की नई शिक्षा नीति व निजीकरण का विरोध किया जाएगा. भाटी ने कहा कि केंद्र की नई शिक्षा नीति से गरीब और वंचित वर्ग का बच्चा शिक्षा से दूर हो रहा है. आने वाले दिनों में एनएसयूआई नई शिक्षा नीति के विरोध में प्रदेश, जिला और विधानसभा स्तर पर आंदोलन करेगी. नुक्कड़ नाटक, नुक्कड़ सभाएं और प्रदर्शन कर केंद्र की गलत नीतियों को आम जनता के सामने रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारी संस्थाओं का निजीकरण कर रहा है. रेलवे रोजगार का एक बड़ा माध्यम हुआ करता था लेकिन केंद्र इसे निजी हाथों में सौप रही है. इससे रोजगार में कमी आएगी. जब पढ़े-लिखे विद्यार्थी को नौकरी नहीं मिलेगी तो उसको पढ़ने लिखने का क्या फायदा होगा. हमारी मांग है कि केंद्र की मोदी सरकार युवाओं के हित में सोचें और निजीकरण बंद करे.
एनएसयूआई जयपुर जिला अध्यक्ष राजेश चौधरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस तरह से बनाई गई है जिसके चलते गरीब का बच्चा पढ़ाई नहीं कर सके. पढ़ाई केवल अमीरों के लिए ही रह जाएगी. एनएसयूआई आने वाले दिनों में युवाओं को जागरूक करने के साथ केंद्र की निजीकरण की नीति का विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र की नई शिक्षा नीति शिक्षा के साथ खिलवाड़ है. केंद्र सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करना चाहिए ताकि शिक्षा हर तबके तक पहुंच सके.