जयपुर. राजस्थान में 26 अगस्त को छात्र संघ चुनाव (Rajasthan Student Union Election 2022) होने जा रहे हैं. इसके लिए प्रत्याशियों की की घोषणा हो चुकी है और बैलट नंबरों का भी आवंटन हो चुका है. मतदान में अब महज 2 दिनों का समय बचा है. ऐसे में छात्र नेता जीत के लिए हर संभव प्रयास करते नजर आ रहे हैं. मुख्य रूप से राजस्थान विश्वविद्यालय में अपेक्स पदों पर होने वाले चुनावों पर सबकी नजर रहती है. पिछले 4 छात्र संघ चुनाव से जीत का इंतजार कर रही एनएसयूआई इस बार कोई कसक नहीं छोड़ना चाहती.
दरअसल, एनएसयूआई ने बुधवार को अपने पूरे पैनल, जिसमें अध्यक्ष पद प्रत्याशी रितु बराला, उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी निकिता फामरा, महासचिव पद प्रत्याशी संजय चौधरी और संयुक्त सचिव पद प्रत्याशी धरा कुमावत मौजूद रहे. रैली की शुरुआत कॉमर्स कॉलेज से हुई इस दौरान कॉमर्स कॉलेज में सभी छात्र मतदाताओं से एनएसयूआई के पक्ष में वोट देने की अपील की. इसके बाद रैली राजस्थान कॉलेज पहुंची और वहां पर एक सभा का आयोजन किया गया. राजस्थान कॉलेज से रवाना होकर (NSUI Power Performance in Jaipur) रैली राजस्थान विश्वविद्यालय के लिए निकली. हालांकि, मौके पर मौजूद भारी पुलिस जाब्ते ने गांधी सर्किल से पहले रैली को रोक लिया. बाद में सर्विस लाइन से होते हुए एनएसयूआई को रैली निकालने की अनुमति मिली.
इस दौरान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने जीत का दावा करते हुए कहा कि इस बार एनएसयूआई पूरी तरीके से एकजुट है और इसका प्रमाण है विपक्षी छात्र संगठनों की बौखलाहट. विपक्षी छात्र संगठन एनएसयूआई पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. लेकिन इस बार एनएसयूआई पूरी तरह से एक है और चारों पदों पर एनएसयूआई के उम्मीदवार जीत हासिल करेगी. पिछले 4 चुनाव में कुछ कमियां रही थी, जिसके चलते अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई जीत हासिल नहीं कर पाई. लेकिन इस बार एनएसयूआई चारों सीट जीतेगी. इस दौरान उन्होंने महासचिव पद पर चुनाव लड़ रहे संजय चौधरी को संगठन का सक्रिय कार्यकर्ता बताया. जबकि संजय ने बागी होकर नामांकन दाखिल किया था.
पढ़ें : छात्र संघ चुनाव 2022, RU के विद्यार्थी छात्र संगठनों से ज्यादा मुद्दों पर करते हैं फोकस
वहीं, एनएसयूआई अध्यक्ष पद प्रत्याशी रितु बराला ने छात्रों से किसान के बच्चों को जिताने की अपील की. वहीं, इस रैली से एनएसयूआई ने आचार संहिता का उल्लंघन भी किया. जिस पर रितु बराला और महासचिव प्रत्याशी संजय चौधरी ने कहा कि छात्र शक्ति यूनिवर्सिटी के नियमित छात्र हैं और ये उनके कैंपेन का ही एक हिस्सा है. बहरहाल, प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में बुधवार शाम से चुनाव प्रचार को लेकर रैली, जुलूस निकालने का दौर थम गया. छात्र नेता अब कैंपस में भी महज डोर-टू-डोर (Election Campaign in Rajasthan University) कैंपेन ही कर सकेंगे.