जयपुर. देशभर में कोरोना का कहर है. कोरोना के चलते अब ट्रैफिक पुलिसकर्मी रोककर आपके डॉक्यूमेंट चेक नहीं कर सकेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में कई बदलाव किए हैं. सरकार की तरफ से जारी नई अधिसूचना पूरे देश भर में एक अक्टूबर 2020 से लागू हो गई है.
ऐसे में नए नियम के तहत अब ट्रैफिक पुलिस बीच सड़क पर लोगों को रोककर गाड़ियों के डॉक्यूमेंट चेक नहीं कर सकेगी. दरअसल केंद्र सरकार का कहना है, कि देश में आईटी सर्विसेज और इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग के लिए ज्यादा बेहतर तरीके से यातायात के नियमों को लागू किया जा सकता है. इससे लोगों का काफी समय बचेगा. वहीं जिन वाहन मालिकों के डाक्यूमेंट्स पूरे नहीं होंगे, उन्हें ई चालान भिजवा दिया जाएगा.
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इसके साथ ही यदि कोई कोरोना संक्रमित भी वाहन चलाते पाया जाता है, तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी उसके डॉक्यूमेंट को हाथ भी नहीं लगाएंगे. ऐसे में अब ई चालान और ई पोर्टल को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से यह पहल की गई है.
डिजिटल रखी जाएगी नजर
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेशों में बताया गया है कि अब वाहन चालकों की सारी जानकारी पोर्टल में रिकॉर्ड की जाएगी. इस रिकॉर्ड को समय-समय पर अपडेट भी किया जाएगा. इस पोर्टल पर फिजिकल और इलेक्ट्रॉनिक दोनों ही माध्यम से सर्टिफिकेट मिलना और उपलब्ध कराया जा सकता है. यातायात विभाग के ई पोर्टल पर दस्तावेज से जुड़ी जानकारियों को तुरंत हासिल किया जा सकता है.
अब गाड़ी रोककर नहीं होगी चेकिंग
केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई नई अधिसूचना के तहत 1 अक्टूबर से ट्रैफिक पुलिस लोगों को सड़क पर रोक कर वाहन चेक नहीं कर सकती. गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए दस्तावेजों का e-verification होगा. ऐसे में जिन गाड़ियों के डॉक्यूमेंट अधूरे होंगे उनको e-challan भेजा जाएगा. सीधी भाषा में कहें तो अब रोड पर वाहन चालकों से फिजिकल डॉक्यूमेंट की मांग नहीं की जाएगी.
इनमें दस्तावेजों की पूरी जानकारी होगी शामिल
दस्तावेज की जांच की जाने का समय और दिन की समय और अधिकारी की पहचान शामिल है. नए नियमों के तहत अगर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए गए दस्तावेजों की जानकारी को एनफोर्समेंट ऑफीसर सही पता है. तो फिर वाहन मालिक से जांच के लिए उन दस्तावेज की हार्ड कॉपी नहीं मांगी जाएगी. इस पोर्टल में उन केस को भी शामिल किया गया है. जिनमें किसी अपराध के कारण वाहन मालिक के दस्तावेजों को जप्त किया गया है.